आसमान को आंख दिखा,
धरनि कदमों से नाप दे ।
तू दिखा रोशनी सूरज को,
खुद हिमालय को भाप दे।।
जिन दुखों ने तुझको पाला है,
तू कोई अकेला नहीं.....
हथियार हारता है,
कभी हौसला नहीं.....
'आनंद' होकर मस्ती में,
कश्ती का सहारा छोड़ दे।
पांव पटक गहरे पानी में,
मौजो का किनारा छोड़ दें।।
तू.. संघर्षों का महल...