कुछ वही रहा, कुछ बदल गया
दिन वही रहा,दिनांक बदल गया
घर वही रहा, लोग बदल गए
रिश्ते वही रहे ,मायने बदल गए!
आ गए हम कहां कि, सब कुछ बदल गया
मुड़ना जो चाहा तो, मोड़ बदल गए थे
मिलना जो चाहा उनसे तो, वो लोग जा चुके थे
जो रह गए थे शेष, वो ख़ुद को बदल लिए थे!
शरारत जो करना चाहा तो, वो उम्र जा चुकी थी
उम्र के इस पड़ाव पर, वो बात का चुकी थी
आहत जो हुआ दिल तो, ढूंढ़ने लगा किसी को
मिलता भी कोई कैसे, की रोशनी का चुकी थी!
मंजिल वही रहा ,पर रास्ते बदल गए
नजर वही रही, पर नजारे बदल गए
वक़्त वही रहा ,वक़्त के इशारे बदल गए
लगता है जैसे ,सब कुछ बदल गया है
हम भी बदल गए है ,तुम भी बदल गए हो!!