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❤️ Main kaisi hu ❤️ aur Tum kaise ho ✨....

और सुनाओ
तुम कैसी हो?
मेरी तुम कुछ नहीं पूछना
अपनी कहते जाना तुम
देने को कुछ रहा न बाक़ी
अपनी यादें
जितनी चाहो
उतनी लेते जाना तुम
तेरी ही हैं
बस संग मेरे है
बातें तेरी
राहें तेरी
रस्ता तेरा
मंजिल तेरी
सफर है मेरा
जाना मुझको पड़ेगा एक दिन
छोड़ अकेला
तन्हा तुमको
तुम न आना
पीछे मेरे
तुमको काम कई हैं करने
मेरे पीछे
रोना न तुम
वादा तुमको आज ये मुझसे करना होगा
मैं आऊंगा
मिलने तुमसे
फिर सपनों में
मुझसे पहले
सोना न तुम
सपनों में भी
वही बात पूछूंगा तुमसे
तुम कैसी हो?

तुम कैसी हो?
 
हमारे वक़्त को गुज़रे काफ़ी वक़्त हो गया।
तुम्हारी आवाज़ सुने एक अर्सा हो गया
सुनो,कैसी हो तुम
मिज़ाज कैसा है?

तुम्हें भी मेरी याद आती है क्या
वो कविता जो मैंने तुम्हारे लिए लिखी थी
उसे पढ़कर बेख़याली में ही सही
पर तुम मुस्कुराती हो क्या?

तुम्हारी छोटी बहन मेरा नाम लेकर
तुम्हें आज भी चिढ़ाती है क्या
और जो ना करे तो तुम
उसे मेरे बारे में बताती हो क्या?

सावन तो जा चुका
मगर बारिश में भीगना तुम्हें भी अच्छा लगता था
पर उन बूंदो की टिप टिप सुनकर
तुम्हें मेरी आवाज़ सुनाई देती है क्या?

वो तस्वीर जो मैंने तुम्हें तोहफ़े में दी थी
वो संभाल कर रखा है क्या?
और जो ख़त मैंने तुम्हारे नाम लिखें थे
वो तुम्हारे किताबों के बीच आज भी महफूज़ हैं क्या?

एक अर्सा हो गया तुमसे रूबरू हुए
सुनो, कैसी हो तुम?
मिज़ाज कैसा है
ये सवाल कभी मेरे लोए तुम खुदसे पूछती हो क्या?
एक अर्सा हो गया तुमसे रूबरू हुए

सुनो,कैसी हो तुम?
 
Bada muskil he ye sawal Jo
Me khud se BHI puchti hu
PYar he ya Kuch aur par bada acha lagta he
Jo BHI he dil me wahi sachcha lagta he
UMmido ki ek Kiran jaisa
sadiyo k baad ka milan jaisa
Ye ehsas he Kaisa
Jo haal he tera
Mera BHI haal waisa
TEre khwabo ki baarisme rujhti ( bhigoti) hu
Bada muskil he sawal Jo
Me khud se BHI puchti hu
Mile nai par bichod ka dar kyu
Kabhi khusi to kabhi aansuo ka babandar kyu
Muskurane lagti hu Tere aagama. Se
Badhi rehne ko dill chata he Tere Daman se
Khoi khoi si ye aakhe
SUni suni si wo rahe
Phaila ke bahe
Baith jaati hu
Palke bichaye
Kiska ho Raha he intajar
Kyu he ye Dil bekarar
APani sawalo se har roj jujti hu

Bada muskil he ye sawal
Me khud se BHI puchti hu

Ehesaso se bhare he
Sawal hi sawal samne khade he
sAb chor char k ham dil ki awaj sune chale he
Khwabe sapne Jo BHI he tujhse he pale he
Roku BHI to kaise Roku
YE kadam teri aur Jo bade he
...................pata nai Kya bak bak ki :blah::blah:

मैने महसूस किया है तुम्हें
अपनी जेहन में,
जो सिर्फ तुम्हें ही सोचता है।

मैने महसूस किया है तुम्हें
अपनी आंखो में,
जो सिर्फ तुम्हारे सपने देखती है।

मैंने महसूस किया है तुम्हें

अपनी धड़कन में,
जो तुम्हारे नाम से धड़कती है।

मैंने महसूस किया है तुम्हें
अपनी खामोशी में,
जो सिर्फ तुम्हारे लिये ही बोलती हैं।

मैने महसूस किया है तुम्हें
अपनी बांहों में,
सिर्फ तुमसे ही लिपटती है।

मैने महसूस किया है तुम्हें
अपनी सांसों में,
जो सिर्फ तुम्हारी खुशबू से महकती है।

मैने महसूस किया है तुम्हें
अपने लबों पर,
जो तुम्हारे नाम से मुस्कुराते है।

मैने महसूस किया है तुम्हें
अपनी बातों में,
जो मै सिर्फ तुमसे ही करता हूं।

मैने महसूस किया तुम्हें
अपने आइने में,
जिसमे सिर्फ तुम्हें देखता हूं।

उसे महसूस किया है तुम्हें
अपने साए में

जो हर पल मेरे साथ रहता है।

क्या यही प्यार है???

पागलपन भी तो हो सकता है... है ना??
या फिर कोई सपना...

कुछ भी हो सकता है...

फिर तुमसे बिना मिले ऐसा क्यों महसूस होता है???
 
Last edited:
कदम बढ़ाती हो
फिर रुक जाती हो
और न जाने किस सोच में पड़ जाती हो।

कहती हो प्यार है
इकरार भी करती हो
फिर जाने इतना संकोच क्यों करती हो।

इसी वजह से
हम भी रुक जाते है
थोड़े मायूस भी हो जाते हैं।

कभी गुस्सा होती हो
तो कभी रूठ जाती हो
वजह खुद हमें ढूंढने को कह जाती हो।

कहती हो तुम
संदेह है तुमको
वजह भी नहीं बताती
और हमें भी संदेह में छोड़ चली जाती हो।

पता नहीं हमें
क्या कमी रह जाती है
प्यार में हमारे

जो तुम हर बार मजधार में छोड़ चली जाती हो।
 
Har baat kahe ye jaruri to nai
Ruk Rahi he kadam to
Koi Majburi to nai

Halato ki chakraviw ne
Is tarha se ghera he
Aaj BHI kadam wahi he
ruki nai bas thehra he

Ulajh Rahi he jindagi
sulajhane ka Naam nai
Bar bar koi ruthe to
Uspe koi dhyan nai

Kuch sawal

Jab sukoon dill me he to
Ye Chahat ki seher kyu
Ishq he to phir
Un Haato me zehr kyu
Bolo bolo

:nerdy::nerdy:
कदम बढ़ाती हो
फिर रुक जाती हो
और न जाने किस सोच में पड़ जाती हो।

कहती हो प्यार है
इकरार भी करती हो
फिर जाने इतना संकोच क्यों करती हो।

इसी वजह से
हम भी रुक जाते है
थोड़े मायूस भी हो जाते हैं।

कभी गुस्सा होती हो
तो कभी रूठ जाती हो
वजह खुद हमें ढूंढने को कह जाती हो।

कहती हो तुम
संदेह है तुमको
वजह भी नहीं बताती
और हमें भी संदेह में छोड़ चली जाती हो।

पता नहीं हमें
क्या कमी रह जाती है
प्यार में हमारे

जो तुम हर बार मजधार में छोड़ चली जाती हो।

................................
 
Har baat kahe ye jaruri to nai
Ruk Rahi he kadam to
Koi Majburi to nai

Halato ki chakraviw ne
Is tarha se ghera he
Aaj BHI kadam wahi he
ruki nai bas thehra he

Ulajh Rahi he jindagi
sulajhane ka Naam nai
Bar bar koi ruthe to
Uspe koi dhyan nai

Kuch sawal

Jab sukoon dill me he to
Ye Chahat ki seher kyu
Ishq he to phir
Un Haato me zehr kyu
Bolo bolo

:nerdy::nerdy:


................................
पास होते तो नजरो में देख लेते
नहीं तो चेहरे के भाव पढ़ लेते
गले से लग धड़कनों को सुन लेते
क्या करें मजबूर हैं किस्मत के हाथों
तभी तो पूछते हैं हाल-ए-दिल तुम्हारा।

उलझनें भी पता है हमें
दिल का हाल भी पता है
तुम्हारी जिम्मेदारियों का भी एहसास है
घबराती क्यों हो हम तो दिल के पास हैं।

सुकून दिल में तो है
घबराते हैं तो तुम्हें सोचकर
चाहत तो अथाह है
बस सोच में हो जाती है सहर
हाथ तो बिल्कुल खाली हैं बस तुम्हारे लिए

तुम्हें कैसे दिख गया इन हाथों में जहर।
 
Last edited:
कुछ ऐसा कर कि
कहीं लेके चल 'तू' मुझे
अपने साथ किसी जहान में,
जहां मिलने के बाद
बिछड़ने का रिवाज न हो

तेरे बिन सब सुना लगता है।
 
पास होते तो नजरो में देख लेते
नहीं तो चेहरे के भाव पढ़ लेते
गले से लग धड़कनों को सुन लेते
क्या करें मजबूर हैं किस्मत के हाथों
तभी तो पूछते हैं हाल-ए-दिल तुम्हारा।

उलझनें भी पता है हमें
दिल का हाल भी पता है
तुम्हारी जिम्मेदारियों का भी एहसास है
घबराती क्यों हो हम तो दिल के पास हैं।

सुकून दिल में तो है
घबराते हैं तो तुम्हें सोचकर
चाहत तो अथाह है
बस सोच में हो जाती है सहर
हाथ तो बिल्कुल खाली हैं बस तुम्हारे लिए

तुम्हें कैसे दिख गया इन हाथों में जहर।
Ruk jati he kadam dekh
Us shehr me ramte huye
Nahi yaado ko Sath
Jamte huye
Khalis na rahe koi
Apki jindagi me
Isliye laut aate he
Khud ko samet te hue

Ladnaa gussa hona ye
To bas ek bahana he
Ye dil naadan he bas
Use manana he
Chha na jaye aap ki
Us aasman me baadal
Tham ke rakhte he is ufaan ko
Kahi behna Jaye in aakho se kajal

Dil aur dimag ki Jang he
Us Jang ki maidan ham he
Hame to dono se prit he
Jite Jiski BHI ho par haar to

Hamari nischit hai
..................



 
Ruk jati he kadam dekh
Us shehr me ramte huye
Nahi yaado ko Sath
Jamte huye
Khalis na rahe koi
Apki jindagi me
Isliye laut aate he
Khud ko samet te hue

Ladnaa gussa hona ye
To bas ek bahana he
Ye dil naadan he bas
Use manana he
Chha na jaye aap ki
Us aasman me baadal
Tham ke rakhte he is ufaan ko
Kahi behna Jaye in aakho se kajal

Dil aur dimag ki Jang he
Us Jang ki maidan ham he
Hame to dono se prit he
Jite Jiski BHI ho par haar to

Hamari nischit hai
..................
सुनो ना..
तुम्हारे घर के बाहर,
जहाँ छत पर खड़ी होती थी तुम,
वहीं कुछ शब्द बिखेर दिए थे मैंने,
वक़्त मिले तो..
ज़रा उन शब्दों को समेट लेना,
कहीं और ना सही,
मेरे ही नाम एक वाक्य बना देना,
और भेज देना मुझे ही,
मुझसे अब..

अपने उन शब्दों की तड़पन देखी नहीं जाती..
 
सुनो ना..
तुम्हारे घर के बाहर,
जहाँ छत पर खड़ी होती थी तुम,
वहीं कुछ शब्द बिखेर दिए थे मैंने,
वक़्त मिले तो..
ज़रा उन शब्दों को समेट लेना,
कहीं और ना सही,
मेरे ही नाम एक वाक्य बना देना,
और भेज देना मुझे ही,
मुझसे अब..

अपने उन शब्दों की तड़पन देखी नहीं जाती..

Paigam aagaman ka he
Aake jaldi sametlena Kyu ki
Mausam sawan ka he
:wait:
 
Paigam aagaman ka he
Aake jaldi sametlena Kyu ki
Mausam sawan ka he
:wait:
मौसम सावन का आने वाला है
तभी ये काम तुम्हे दिया था
अगर हम तुम्हारी छत पे आए
तो रस्म-ए-उल्फत होगी।
 
सुनों !
तुम कितना
प्रेम करते हो
मुझसे... ये सवाल
कई बार
पूछा है तुमने... '

सुनो!
जानते हो
प्रेम में प्रतिशत (%)
नहीं होता
ये एक भाव है,
प्रेम होता है
या नही होता...
बस हम इसे
जी सकते है
ये गर हुआ तो
खत्म कभी
नहीं होता...
बस बसाए
रहते है हम...
खुद में उस

प्रेम को...
 
किसी दिन
जब हम मिलेंगे
अगर हम मिले !

बताऊंगा कैसे तुम्हें बेइंतहाँ सोचा मैंने
कहूंगा दिन को रात और रात को दिन
की तरह से जिया मैंने !

बताऊंगा किस तरह तुम्हारे दिल की धड़कन
सुनाई देती है मुझको !


किसी दिन
जब हम मिलेंगे
अगर हम मिले !

थाम लूंगा
तुम्हारा हाथ
बिन कहे !

बिन बोले
लिपट जाऊंगा
करके बंद
पलकों को !

और समेटकर इन सभी पलों को
वह एक ख़ूबसूरत पल बनाऊंगा

किसी दिन
जब हम मिलेंगे

अगर हम मिले !!❤️❣️
 
लोगो के टूटते वादे,
और उनकी शिकायतों को देख,
कोई वादा करने का मन नहीं करता,
न कोई वादा तुमसे लेने का !!
तुम्हे जो अच्छा लगे, जैसे लगे करना,
मैं बस एक इरादा करना चाहता हुं,
वादा तुमसे नहीं , खुद से करने का
तुम रहो ना रहो,कोई शिकायत नहीं करूंगा,

मोहब्बत खामोशी से ता-उम्र करूंगा !!
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लोगो के टूटते वादे,
और उनकी शिकायतों को देख,
कोई वादा करने का मन नहीं करता,
न कोई वादा तुमसे लेने का !!
तुम्हे जो अच्छा लगे, जैसे लगे करना,
मैं बस एक इरादा करना चाहता हुं,
वादा तुमसे नहीं , खुद से करने का
तुम रहो ना रहो,कोई शिकायत नहीं करूंगा,

मोहब्बत खामोशी से ता-उम्र करूंगा !!
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Gar khamosi ka badal chhayega to
Labje idhar chup ho jayegi
Tadpan se ye dhadkan rafta rafta ruk jayegi
Kuch pal hi sahi biti sapne ko phir se
Ji ke khilkhilaiga
Gar khamosi ka baadal chhayega to

Waade kasme bar bar tuootte hue dekha he
Ek ek akchayar (sabd) ko mitte hue dekha he
Bas dagmagaye to in kadam ko Sahara chaiye
Ye wade kasme hame na dubara chaiye
Kuch khatti Kuch mithi baate yaad
Kar ke Muskurayiga
Gar khamosi ka badal chhagata to
,...........................:blah::blah:
 
किसी दिन
जब हम मिलेंगे
अगर हम मिले !

बताऊंगा कैसे तुम्हें बेइंतहाँ सोचा मैंने
कहूंगा दिन को रात और रात को दिन
की तरह से जिया मैंने !

बताऊंगा किस तरह तुम्हारे दिल की धड़कन
सुनाई देती है मुझको !


किसी दिन
जब हम मिलेंगे
अगर हम मिले !

थाम लूंगा
तुम्हारा हाथ
बिन कहे !

बिन बोले
लिपट जाऊंगा
करके बंद
पलकों को !

और समेटकर इन सभी पलों को
वह एक ख़ूबसूरत पल बनाऊंगा

किसी दिन
जब हम मिलेंगे

अगर हम मिले !!❤️❣️
Kisi din ham mile to

Khud ko Dulhan ki tarh sajaungi

Sayad kabi ghabraungi
Kabhi sarmaugi
Khamos ho ke aakho hi aakho
Se sab Kuch kehjaungi

Khud ko Dulhan ki tarha sajaungi

Kisi din ham mile to

Kitne betab thi Milne k liye

Aap ki baho me khilne k liye
Meri dill ki ek ek arman bataungi
Khud ko Dulhan ki tarha sajaungi


Kisi din ham mile to

Khamos labj honge

Bikhre sabd honge
Ghambaraye se ham
Ghabraye se Tum
Phir BHI ek duse ko
Samete huye
Jo na kaha saki wo baate
Aakho se kaha jaungi

Me Dulhan ki tarha khud ko sajaungi


Kisi din ham mile to

Do dill ki mulaKate hogi

Hoga Khamos sama par
Najaro se baate hogi
Haale dil ka baya Hoga
Kuch aisa Naya ( new) Hoga
Jab kadam Meri aur badegi
Dhadkane aur Tez chalegi
Thamlena hame baho me bhar k
Be intahan pyar Karke
Kabhi ghabraungi kabhi sarmaungi
Me Dulhan ki tarha khud ko sajaungi

.................( Bak bak .com pata nai Kya bak bak ki again :giggle:
 
Last edited:
Gar khamosi ka badal chhayega to
Labje idhar chup ho jayegi
Tadpan se ye dhadkan rafta rafta ruk jayegi
Kuch pal hi sahi biti sapne ko phir se
Ji ke khilkhilaiga
Gar khamosi ka baadal chhayega to

Waade kasme bar bar tuootte hue dekha he
Ek ek akchayar (sabd) ko mitte hue dekha he
Bas dagmagaye to in kadam ko Sahara chaiye
Ye wade kasme hame na dubara chaiye
Kuch khatti Kuch mithi baate yaad
Kar ke Muskurayiga
Gar khamosi ka badal chhagata to
,...........................:blah::blah:
Khamoshi ke baadal chahne lge hain
Kaal bankar mandrane lge hain
Samajh nhi aata kaise shabdon ko pirou
Ab to ye bhi ghabrane se Lage hain
Socha tha ab kuch to mukammal hoga
Aane wala kal bite kal se achha hoga
Par ye kya, kadam kyon ladkhdane lge hain
Kuch bura na ho, ye soch murjhane lge hain
 
सुकून ही अलग है उस नींद में जो,

तुमसे बात करने के बाद आती है। ❤️

समझा करो तुम इस छोटी सी बात को,

जो न हो ठीक से बात रात भर सताती है।

चैन से तुम तो सो जाते हो ये कह के कि

अब कल करते हैं बात नींद आ रही है

पर मेरी तो चैन की नींद भी रूठ जाती है।
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