Haye rabba Maasumiyat pe itni shaqMasoom log masumiyat ka bhana bhi khub bnate hain
Galti khud bhi ho to iljaam dusre pe hi lagate hain...
(बस एक मजाक है, सीरियस मत हो जाना)
Haye rabba Maasumiyat pe itni shaqMasoom log masumiyat ka bhana bhi khub bnate hain
Galti khud bhi ho to iljaam dusre pe hi lagate hain...
(बस एक मजाक है, सीरियस मत हो जाना)
Are shak nhi hai...Haye rabba Maasumiyat pe itni shaq
Jaruraate hai hum bhi is baat ko aage tak le jaate hai
Itna late kyu @ Rockyzz intajar kar raha thaaate hai hum bhi is baat ko aage tak le jaate hai
जो पूरा ना हो सका वो किस्सा हुँ मैं...
छूटा हुआ ही सही तेरा हिस्सा हुँ मैं...
ये नसीब भी बड़ा अज्जन हे जनाब
चाहे किसी को, और पाए किसी और को
कही ऐसा ना हो जाए इस लिए कहरही हूँ
,,,,,,,,,,,समझो जरा,,,,,,,,,
रखना ख़याल जरा कही
चालान जाये किसी के हिस्सों मे
कही चूका नपड़े उन रिस्तो को
किस्तों किस्तों मे
Masoom log masumiyat ka bhana bhi khub bnate hain
Galti khud ki bhi ho to iljaam dusre pe hi lagate hain...
(बस एक मजाक है, सीरियस मत हो जाना)
कैसे समझाऊं की कोई जल्दी नहीं है
नादानी जरूर हुई पर वो गलती नहीं है,
खुश थे, बस खो गए थे प्यार के खुमार में
अंजाम सोच ना सके, जो खो गए थे बहाव में।
(बहाव means समझो लोगों के दुलार में)
इश्क का नशा हैँ चढने दो होले होले से
दौडो मत इसे आगे बढ़ने दो होले होले से
गलती तब हुई जब दिलको न रोक सके
आगे क्या होगा वो सोचना सके
घर घर जाना संभव भी तो नहींये तो परिंदो की मासूमियत है,,, वरना एक दूसरे के घर अब आता जाता कोन है।।।
हर बात तुम्हें मेरी जल्दी क्यों लगती है
प्रकिया ही तो बताया, इसमें क्या गलती है।
पहलू में बैठे हैं वोआप पहलू मैं बैठे तो जरा संभल के बैठे,,,
दिल ए बेताब को आदत है मचल जाने को।।
ये आँखो की गणित हैँ
Ruk jaao thoda samhalne do jara
Bolo Itne jaldi me aap kyu bhala
Shi khaमाना जल्दबाजी मैं शादी कर के जीवन बिगाड़ लोगे,,,
सोच समझ कर करोगे तो कोन सा तीर मार लोगो।।।
ये आज दूसरा गणित सीखने मिला...
खो जाएं जो एक दूजे में
इससे बेहतर क्या होगा,
बहाना ही सही पर
इसके लिए तो मिलना होगा।
Aisa Bhi Rishta Hota Hai " Jab Tak Door Rahein Thik Hai, Nazdeekiyan Badhte Hi Sabkuchh Bigadne Lagta Hai..".......!!जब कभी वो मुझसे पूछती हमारा रिश्ता किस तरह का है......
मेरा जवाब यही रहता है
" चुप-चाप से रहते है सर-ए-आम नही होते,,
कुछ रिश्ते सिर्फ एहसास के होते है उनके नाम नही होते।।"
लफ्जे हैँ जनाब कुछ भी बोलती ही
छुपी सारी राज तो ये आँखे खोलती हैँ
लफ्जे हैँ जनाब कुछ भी बोलती ही
छुपी सारी राज तो ये आँखे खोलती हैँ
2+2=0
दो आँखो से राज खुलेगी
चार आँखो से दुनिया भूलेगी
आँखे तक बस एक बहाने हे
नजर मिला तो एक दूजेमे खो जाने हैँ
Aisa Bhi Rishta Hota Hai " Jab Tak Door Rahein Thik Hai, Nazdeekiyan Badhte Hi Sabkuchh Bigadne Lagta Hai..".......!!