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जो पूछते है बिन देखे, बिन मिले मोहब्बत कैसे होती है,,,
कह दो उनसे बिलकुल खुदा की इबादत की तरह होती है।।
बेकरारी तो तब होती जब उनको देखा होता कभी
बिन देखे जो दिल में बस गई, मोहब्बत ही तो है।
जो पूछते है बिन देखे, बिन मिले मोहब्बत कैसे होती है,,,
कह दो उनसे बिलकुल खुदा की इबादत की तरह होती है।।