• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

कुछ यूं हीं.....

Rockzz ✨श्वेतराग✨

Epic Legend
Senior's
Chat Pro User
शाखों पे पत्ते थे, पत्तों में बूंदे थी।
बूंदों में पानी था, पानी में आँसू थे.....
..........................
ना जाने क्यों दिल भर गया

ना जाने क्यों आँख भर गई।
FB_IMG_1725504353545.jpg
 
शाखों पे पत्ते थे, पत्तों में बूंदे थी।
बूंदों में पानी था, पानी में आँसू थे.....
..........................
ना जाने क्यों दिल भर गया

ना जाने क्यों आँख भर गई।
View attachment 261421

आंख भर आई किसी से जो मुलाकात हुई

खुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई।।
 
आंख भर आई किसी से जो मुलाकात हुई

खुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई।।
सुनो,
होगी तुम्हारे पास ज़माने भर की डीग्रीयां
छलकतीं ऑखों को ना पढ़ पाये तो अनपढ़ हो तुम।
 
सुनो,
होगी तुम्हारे पास ज़माने भर की डीग्रीयां
छलकतीं ऑखों को ना पढ़ पाये तो अनपढ़ हो तुम।

कहां धोखा दे पाते है अनपढ़ लोग

किसी को सारी चालाकियां पढ़े लिखे लोग सीखा जाते है।।।
 
कहां धोखा दे पाते है अनपढ़ लोग

किसी को सारी चालाकियां पढ़े लिखे लोग सीखा जाते है।।।
लोगों के चालाकियां देखकर
हम भी सोचते हैं चालाक हो जाएं
पर क्या करें समझ नहीं आता

ये दिल कमबख्त सुनता भी तो नहीं।
 
लोगों के चालाकियां देखकर
हम भी सोचते हैं चालाक हो जाएं
पर क्या करें समझ नहीं आता

ये दिल कमबख्त सुनता भी तो नहीं।


हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन

जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया
 
लोगों के चालाकियां देखकर
हम भी सोचते हैं चालाक हो जाएं
पर क्या करें समझ नहीं आता

ये दिल कमबख्त सुनता भी तो नहीं।

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं

उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
 
शाखों पे पत्ते थे, पत्तों में बूंदे थी।
बूंदों में पानी था, पानी में आँसू थे.....
..........................
ना जाने क्यों दिल भर गया

ना जाने क्यों आँख भर गई।
View attachment 261421 :relieved:
I'm out of words :relieved:
 
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं

उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
एक उम्र गुजर गई खुद को लिखने में
और तुम एक दिन में पढ़ना चाहते हो।
 
एक उम्र गुजर गई खुद को लिखने में
और तुम एक दिन में पढ़ना चाहते हो।

एक न एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल

ठोकर जहर तो नही जो खा कर मर ही जाऊंगा।।
 
एक न एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल

ठोकर जहर तो नही जो खा कर मर ही जाऊंगा।।
किनारा न मिले मुझे कोई बात नहीं
पर दूसरों को डूबा के मुझे तैरना नही।
 
इश्क भी मतलबी है........अब

मुनाफा देख कर पलटी मार जाती है।।
एक अदा से शुरू एक अंदाज पे खत्म होती है ।
नजर से शुरू हुई मोहब्बत , नजरंदाज पे खत्म होती है ।।
 
किनारा न मिले मुझे कोई बात नहीं
पर दूसरों को डूबा के मुझे तैरना नही।

जहां डूबा था मैं मुझे वही किनारा चाहिए

तू फिर आ मेरे पास मुझे तू दुबारा चाहिए।।
 
एक अदा से शुरू एक अंदाज पे खत्म होती है ।
नजर से शुरू हुई मोहब्बत , नजरंदाज पे खत्म होती है ।।

कोशिश इतनी की कोई रूठे न हमसे

नजर अंदाज करने वालों से नजर हम भी न मिलाते।।
 
Top