• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

कुछ यूं हीं.....

जिन्हें हम अपनी जान बना बैठे हो
उन्हें अब हारें भी तो कैसे...
दिल तो ले चुके हो , मेरी जान लोगे क्या
मैं जो भी कह रहा हूं, उसे मान लोगे क्या ।।

सच कह रहा हूं फिर भी यकीं नहीं तुम्हें
झूठी कसम खिला कर, मेरा ईमान लोगे क्या ।।

मुद्दतें हुई तुम से फ़िर मुलाक़ात नहीं हुई
रस्ते से अगर निकला तो पहचान लोगे क्या ।।

आ जाओ तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ आऊं
इक और मेरा अब तुम अहसान लोगे क्या ।।

गर इश्क किया है तुमने तो डरना क्यूं भला
अब भी अपने बाप का फ़रमान लोगे क्या ।।
 
शाखों पे पत्ते थे, पत्तों में बूंदे थी।
बूंदों में पानी था, पानी में आँसू थे.....
..........................
ना जाने क्यों दिल भर गया

ना जाने क्यों आँख भर गई।
View attachment 261421
जब महफिलों की शोर में
दिल की आवाज दबाते हैं
अगले ही क्षण खुद
को फिर तन्हा पाते हैं
फिर जब कोई सन्नाटा
शोर को खा जाता है
तब मदहोशी में जब
कुछ भी होश नहीं रह जाती है

ना जाने क्यों, वो मुझको
हर बार नजर आ जाती है
 
जब महफिलों की शोर में
दिल की आवाज दबाते हैं
अगले ही क्षण खुद
को फिर तन्हा पाते हैं
फिर जब कोई सन्नाटा
शोर को खा जाता है
तब मदहोशी में जब
कुछ भी होश नहीं रह जाती है

ना जाने क्यों, वो मुझको
हर बार नजर आ जाती है
वाह!
बहुत खूब प्यारे...
 
मुझे हारना भी पसंद है अगर तुम साथ हो

वरना जीत की खुशी कहां तुम्हारे बिना।।
जिसको सबकुछ खो के पाया हो
उसके लिए दिल क्या जान भी निसार,
हमे तो बस उनके साथ होने की खुशी है
ऐसा ही तो होता है ना प्यार....।
 
दिल तो ले चुके हो , मेरी जान लोगे क्या
मैं जो भी कह रहा हूं, उसे मान लोगे क्या ।।

सच कह रहा हूं फिर भी यकीं नहीं तुम्हें
झूठी कसम खिला कर, मेरा ईमान लोगे क्या ।।

मुद्दतें हुई तुम से फ़िर मुलाक़ात नहीं हुई
रस्ते से अगर निकला तो पहचान लोगे क्या ।।

आ जाओ तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ आऊं
इक और मेरा अब तुम अहसान लोगे क्या ।।

गर इश्क किया है तुमने तो डरना क्यूं भला
अब भी अपने बाप का फ़रमान लोगे क्या ।।
:clapping:
 
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
ये इश्क है जनाब..
पत्थरों के दिल भी धड़क उठते हैं।
 
जब महफिलों की शोर में
दिल की आवाज दबाते हैं
अगले ही क्षण खुद
को फिर तन्हा पाते हैं
फिर जब कोई सन्नाटा
शोर को खा जाता है
तब मदहोशी में जब
कुछ भी होश नहीं रह जाती है

ना जाने क्यों, वो मुझको
हर बार नजर आ जाती है
अगर वो गुजर जाए एक बार करीब से हमारे
हम जिंदगी गुजार देंगे उस एक मुलाकात के सहारे।
 
अगर वो गुजर जाए एक बार करीब से हमारे
हम जिंदगी गुजार देंगे उस एक मुलाकात के सहारे।
ये ज़िंदगी भी मुझे सोच कर न रह जाए...
मैं सोचता हूँ बहुत ज़िंदगी के बारे में
 
Top