Dhanyawad, par main mehndi nai lagati abSuperb Mehendi girl
Dhanyawad, par main mehndi nai lagati abSuperb Mehendi girl
Sukriya ab e kisleye kaha nahi puch na. app ko dekh ke Khushi mili ..ab bidai leta hu office Jana haiDhanyawad, par maun mehndi nai lagati ab
Tk c and enjoySukriya ab e kisleye kaha nahi puch na. app ko dekh ke Khushi mili ..ab bidai leta hu office Jana hai
Chlo ye baat bhi humne Maan LiIs baat pe na aaye koi badha
Chlo karlete he ye shrey adha adha
Na tum jite na ham jiteChlo ye baat bhi humne Maan Li
Jitenge hum thode agr tumne than li...
Jit haar ki baat hai hi nhiNa tum jite na ham jite
Dono ek duje ke liye haar rahe he
Kabhi dilo se hare, kabhi milo se
Har k bhi chal rahe he benam manjilo pe
Jit haar ki baat hai hi nhi
Hum to tumpe dil hare hain..
जिन्हें हम अपनी जान बना बैठे होदिल ही हारे हो जान नही
जान हारो तो कोई बात बने।।
Na tum jite na ham jite
Dono ek duje ke liye haar rahe he
Kabhi dilo se hare, kabhi milo se
Har k bhi chal rahe he benam manjilo pe
दिल तो ले चुके हो , मेरी जान लोगे क्याजिन्हें हम अपनी जान बना बैठे हो
उन्हें अब हारें भी तो कैसे...
Har jate jaan bhi par wo is jaan me dhadkta heदिल ही हारे हो जान नही
जान हारो तो कोई बात बने।।
जब महफिलों की शोर मेंशाखों पे पत्ते थे, पत्तों में बूंदे थी।
बूंदों में पानी था, पानी में आँसू थे.....
..........................
ना जाने क्यों दिल भर गया
ना जाने क्यों आँख भर गई।
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वाह!जब महफिलों की शोर में
दिल की आवाज दबाते हैं
अगले ही क्षण खुद
को फिर तन्हा पाते हैं
फिर जब कोई सन्नाटा
शोर को खा जाता है
तब मदहोशी में जब
कुछ भी होश नहीं रह जाती है
ना जाने क्यों, वो मुझको
हर बार नजर आ जाती है
Har jate jaan bhi par wo is jaan me dhadkta he
जिसको सबकुछ खो के पाया होमुझे हारना भी पसंद है अगर तुम साथ हो
वरना जीत की खुशी कहां तुम्हारे बिना।।
दिल तो ले चुके हो , मेरी जान लोगे क्या
मैं जो भी कह रहा हूं, उसे मान लोगे क्या ।।
सच कह रहा हूं फिर भी यकीं नहीं तुम्हें
झूठी कसम खिला कर, मेरा ईमान लोगे क्या ।।
मुद्दतें हुई तुम से फ़िर मुलाक़ात नहीं हुई
रस्ते से अगर निकला तो पहचान लोगे क्या ।।
आ जाओ तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ आऊं
इक और मेरा अब तुम अहसान लोगे क्या ।।
गर इश्क किया है तुमने तो डरना क्यूं भला
अब भी अपने बाप का फ़रमान लोगे क्या ।।
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैंHar jate jaan bhi par wo is jaan me dhadkta he
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
अगर वो गुजर जाए एक बार करीब से हमारेजब महफिलों की शोर में
दिल की आवाज दबाते हैं
अगले ही क्षण खुद
को फिर तन्हा पाते हैं
फिर जब कोई सन्नाटा
शोर को खा जाता है
तब मदहोशी में जब
कुछ भी होश नहीं रह जाती है
ना जाने क्यों, वो मुझको
हर बार नजर आ जाती है
ये ज़िंदगी भी मुझे सोच कर न रह जाए...अगर वो गुजर जाए एक बार करीब से हमारे
हम जिंदगी गुजार देंगे उस एक मुलाकात के सहारे।