ये चाय भी
कितनी हसीन है
नयी कहानियो को
गढ़ने की मशीन है ...
नये रिश्तो में बाँधती है चाय
वो कभी टूटे रिश्तों को
जोड़ती है चाय
कितने किस्सों से
मिलाती है चाय
कितने किस्सों को
छुपाती है चाय ...
कितने झगड़े
करवाती है चाय
फिर चाय पिलाकर
मनवाती है चाय
टेबल पर बैठ इश्क
फरमाती है चाय ...
कितनो की सुबह आँख
खुलवाती है चाय
कितनों की शाम सुरमई
बनाती है चाय
है कराती गुनगुनी धूप में
सर्दी की कमी का
एहसास है चाय ...
बरसात के दिनो में
पकौड़ी के साथ दोस्ती
निभाती है चाय
रिश्तो के देखने
आती है चाय
कई बार अकेलेपन को
चुराती है चाय ...
हर बार अनजानों को
अपना बनाती है चाय
दिल से दिल को
जोड़ती है चाय
कितने किरदार
निभाती है ये चाय
हर बार नए-नए रूप
बदलती है चाय
बस दिल से दिल
जोड़ती है चाय.......
हो कुछ भी भले ही
साथ छोड़ती नहीं ये चाय...
कभी मिलो तो सही चाय पे
सुना है मुश्किलें सुलझाती भी है ये चाय...
कितनी हसीन है
नयी कहानियो को
गढ़ने की मशीन है ...
नये रिश्तो में बाँधती है चाय
वो कभी टूटे रिश्तों को
जोड़ती है चाय
कितने किस्सों से
मिलाती है चाय
कितने किस्सों को
छुपाती है चाय ...
कितने झगड़े
करवाती है चाय
फिर चाय पिलाकर
मनवाती है चाय
टेबल पर बैठ इश्क
फरमाती है चाय ...
कितनो की सुबह आँख
खुलवाती है चाय
कितनों की शाम सुरमई
बनाती है चाय
है कराती गुनगुनी धूप में
सर्दी की कमी का
एहसास है चाय ...
बरसात के दिनो में
पकौड़ी के साथ दोस्ती
निभाती है चाय
रिश्तो के देखने
आती है चाय
कई बार अकेलेपन को
चुराती है चाय ...
हर बार अनजानों को
अपना बनाती है चाय
दिल से दिल को
जोड़ती है चाय
कितने किरदार
निभाती है ये चाय
हर बार नए-नए रूप
बदलती है चाय
बस दिल से दिल
जोड़ती है चाय.......
हो कुछ भी भले ही
साथ छोड़ती नहीं ये चाय...
कभी मिलो तो सही चाय पे
सुना है मुश्किलें सुलझाती भी है ये चाय...