Wow!! So this is so good.. i didn't understand a few words.. but stilll loved itएक और शख़्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ
हमारे साथ कौन सा ये पहली मर्तबा हुआ।
अज़ल से इन हथेलियों में हिज्र की लकीर थी
तुम्हारा दुःख तो जैसे मेरे हाथ में बड़ा हुआ।
मेरे खिलाफ दुश्मनों की सफ़ में है वो और मैं
बहुत बुरा लगूँगा उस पर तीर खींचता हुआ।
Nahi samaj aaya wo puchh lijiye gaWow!! So this is so good.. i didn't understand a few words.. but stilll loved it
Sahi hai" शब्दों के घाव "
लोग कहते हैं , वक्त के साथ हर घाव भर जाते हैं !!
लेकीन मैं कहती हूं कि , भले ही घाव भर जाए दाग वही रह जाते हैं !!
बोलने वाले अक्सर बोल के भुल जाते हैं ,
पर सुनने वाले के दिल में ये जिंदगी भर के लिए घर कर जाते हैं !!
शब्दों शब्दों का भाव होता हैं ,
मिठे शब्दों से पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं ,
और तिखे शब्दों से सीधे इंसान भी पत्थर दिल हो जाते हैं !!
मधुर वाणी वही होवे हैं ,
क्या गरीब क्या अमीर जिसकी सबके लिए शब्दों की एक ही परिभाषा होवे हैं .....!!
ThanksSahi hai
Very nice dostएक और शख़्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ
हमारे साथ कौन सा ये पहली मर्तबा हुआ।
अज़ल से इन हथेलियों में हिज्र की लकीर थी
तुम्हारा दुःख तो जैसे मेरे हाथ में बड़ा हुआ।
मेरे खिलाफ दुश्मनों की सफ़ में है वो और मैं
बहुत बुरा लगूँगा उस पर तीर खींचता हुआ।
Nahi samaj aaya wo puchh lijiye g
सफ़ हिज्रNahi samaj aaya wo puchh lijiye ga
Ye konsi bhasha hai dear I'm confusedसफ़ हिज्र
अज़ल
Ye konsi bhasha hai dear I'm confused
हिज्र. - जुदाईसफ़ हिज्र
अज़ल
Or nhi to kya krta rahugaIsliye muzhse pyar se baat karte ja bhut
Ladayi jhagda karne ki soch bhi mat kyu ki usme main harti nahi huOr nhi to kya krta rahuga
Very nice yaara
Ohh thank dost samjha ne k liyeहिज्र. - जुदाई
अज़ल - समय की शुरुआत,
Urdu hai....
Muskil hai par gahri bat hai...
Bahot khub dostये मैंने कब कहा के मेरे हक़ में फैसला करे
अगर वो मुझसे खुश नहीं है तो मुझे जुदा करे
मैं उसके साथ जिस तरह गुज़ारता हूँ ज़िन्दगी
उसे तो चाहिए के मेरा शुक्रिया अदा करे
Bahot ghehrayi hai shabdo meकैसे उसने ये सबकुछ मुझसे छुपकर बदला
चेहरा बदला, रस्ता बदला, बाद में घर बदला
मैं उसके बारे में ये कहता था लोगों से
मेरा नाम बदल देना वो शख्स अगर बदला
" शब्दों के घाव "
लोग कहते हैं , वक्त के साथ हर घाव भर जाते हैं !!
लेकीन मैं कहती हूं कि , भले ही घाव भर जाए दाग वही रह जाते हैं !!
बोलने वाले अक्सर बोल के भुल जाते हैं ,
पर सुनने वाले के दिल में ये जिंदगी भर के लिए घर कर जाते हैं !!
शब्दों शब्दों का भाव होता हैं ,
मिठे शब्दों से पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं ,
और तिखे शब्दों से सीधे इंसान भी पत्थर दिल हो जाते हैं !!
मधुर वाणी वही होवे हैं ,
क्या गरीब क्या अमीर जिसकी सबके लिए शब्दों की एक ही परिभाषा होवे हैं .....!!