• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

शब्दों के घाव

एक और शख़्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ
हमारे साथ कौन सा ये पहली मर्तबा हुआ।

अज़ल से इन हथेलियों में हिज्र की लकीर थी
तुम्हारा दुःख तो जैसे मेरे हाथ में बड़ा हुआ।

मेरे खिलाफ दुश्मनों की सफ़ में है वो और मैं
बहुत बुरा लगूँगा उस पर तीर खींचता हुआ।
 
एक और शख़्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ
हमारे साथ कौन सा ये पहली मर्तबा हुआ।

अज़ल से इन हथेलियों में हिज्र की लकीर थी
तुम्हारा दुःख तो जैसे मेरे हाथ में बड़ा हुआ।

मेरे खिलाफ दुश्मनों की सफ़ में है वो और मैं
बहुत बुरा लगूँगा उस पर तीर खींचता हुआ।
Wow!! So this is so good.. i didn't understand a few words.. but stilll loved it
 
" शब्दों के घाव "
लोग कहते हैं , वक्त के साथ हर घाव भर जाते हैं !!
लेकीन मैं कहती हूं कि , भले ही घाव भर जाए दाग वही रह जाते हैं !!
बोलने वाले अक्सर बोल के भुल जाते हैं ,
पर सुनने वाले के दिल में ये जिंदगी भर के लिए घर कर जाते हैं !!
शब्दों शब्दों का भाव होता हैं ,
मिठे शब्दों से पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं ,
और तिखे शब्दों से सीधे इंसान भी पत्थर दिल हो जाते हैं !!
मधुर वाणी वही होवे हैं ,
क्या गरीब क्या अमीर जिसकी सबके लिए शब्दों की एक ही परिभाषा होवे हैं .....!!
Sahi hai
 
एक और शख़्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ
हमारे साथ कौन सा ये पहली मर्तबा हुआ।

अज़ल से इन हथेलियों में हिज्र की लकीर थी
तुम्हारा दुःख तो जैसे मेरे हाथ में बड़ा हुआ।

मेरे खिलाफ दुश्मनों की सफ़ में है वो और मैं
बहुत बुरा लगूँगा उस पर तीर खींचता हुआ।
Very nice dost :hearteyes:
 
ये मैंने कब कहा के मेरे हक़ में फैसला करे
अगर वो मुझसे खुश नहीं है तो मुझे जुदा करे
मैं उसके साथ जिस तरह गुज़ारता हूँ ज़िन्दगी
उसे तो चाहिए के मेरा शुक्रिया अदा करे
 
कैसे उसने ये सबकुछ मुझसे छुपकर बदला
चेहरा बदला, रस्ता बदला, बाद में घर बदला
मैं उसके बारे में ये कहता था लोगों से
मेरा नाम बदल देना वो शख्स अगर बदला
 
ये मैंने कब कहा के मेरे हक़ में फैसला करे
अगर वो मुझसे खुश नहीं है तो मुझे जुदा करे
मैं उसके साथ जिस तरह गुज़ारता हूँ ज़िन्दगी
उसे तो चाहिए के मेरा शुक्रिया अदा करे
Bahot khub dost :Like::hearteyes:
 
कैसे उसने ये सबकुछ मुझसे छुपकर बदला
चेहरा बदला, रस्ता बदला, बाद में घर बदला
मैं उसके बारे में ये कहता था लोगों से
मेरा नाम बदल देना वो शख्स अगर बदला
Bahot ghehrayi hai shabdo me :cry1:
 
" शब्दों के घाव "
लोग कहते हैं , वक्त के साथ हर घाव भर जाते हैं !!
लेकीन मैं कहती हूं कि , भले ही घाव भर जाए दाग वही रह जाते हैं !!
बोलने वाले अक्सर बोल के भुल जाते हैं ,
पर सुनने वाले के दिल में ये जिंदगी भर के लिए घर कर जाते हैं !!
शब्दों शब्दों का भाव होता हैं ,
मिठे शब्दों से पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं ,
और तिखे शब्दों से सीधे इंसान भी पत्थर दिल हो जाते हैं !!
मधुर वाणी वही होवे हैं ,
क्या गरीब क्या अमीर जिसकी सबके लिए शब्दों की एक ही परिभाषा होवे हैं .....!!
:clapping::Like:
 
Top