" शब्दों के घाव "
लोग कहते हैं , वक्त के साथ हर घाव भर जाते हैं !!
लेकीन मैं कहती हूं कि , भले ही घाव भर जाए दाग वही रह जाते हैं !!
बोलने वाले अक्सर बोल के भुल जाते हैं ,
पर सुनने वाले के दिल में ये जिंदगी भर के लिए घर कर जाते हैं !!
शब्दों शब्दों का भाव होता हैं ,
मिठे शब्दों से पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं ,
और तिखे शब्दों से सीधे इंसान भी पत्थर दिल हो जाते हैं !!
मधुर वाणी वही होवे हैं ,
क्या गरीब क्या अमीर जिसकी सबके लिए शब्दों की एक ही परिभाषा होवे हैं .....!!
लोग कहते हैं , वक्त के साथ हर घाव भर जाते हैं !!
लेकीन मैं कहती हूं कि , भले ही घाव भर जाए दाग वही रह जाते हैं !!
बोलने वाले अक्सर बोल के भुल जाते हैं ,
पर सुनने वाले के दिल में ये जिंदगी भर के लिए घर कर जाते हैं !!
शब्दों शब्दों का भाव होता हैं ,
मिठे शब्दों से पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं ,
और तिखे शब्दों से सीधे इंसान भी पत्थर दिल हो जाते हैं !!
मधुर वाणी वही होवे हैं ,
क्या गरीब क्या अमीर जिसकी सबके लिए शब्दों की एक ही परिभाषा होवे हैं .....!!