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मोरपंख ✨✨

Rockzz ✨श्वेतराग✨

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मैं तुम्हे
कभी गुलाब नही दूँगा....

किताबों में पड़े गुलाब सूख जाते हैं.....

और जैसे जैसे वो सूखते हैं....
सूखता जाता है आपस का प्रेम.....

मुझे गुलाबों के सूखने से डर लगता है.....
हाँ कभी मौका मिला
तो मैं जरूर दूँगा तुम्हे मोर का एक पंख

तुम उसे संभाल के रख लेना
प्रेम की किताब के एकदम बीचो बीच....

मोर के पंख कभी सूखते नहीं....
बचपन में सुना था
किताबों में मोर का पंख रखने से.....अच्छी रहती याददाश्त....


और यूँ भी....भूलने की आदत बहुत है तुम्हे....
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✨ श्वेतराग ✨
 
Last edited:
मैं तुम्हे
कभी गुलाब नही दूँगा....

किताबों में पड़े गुलाब सूख जाते हैं.....

और जैसे जैसे वो सूखते हैं....
सूखता जाता है आपस का प्रेम.....

मुझे गुलाबों के सूखने से डर लगता है.....
हाँ कभी मौका मिला
तो मैं जरूर दूँगा तुम्हे मोर का एक पंख

तुम उसे संभाल के रख लेना
प्रेम की किताब के एकदम बीचो बीच....

मोर के पंख कभी सूखते नहीं....
बचपन में सुना था
किताबों में मोर का पंख रखने से.....अच्छी रहती याददाश्त....


और यूँ भी....भूलने की आदत बहुत है तुम्हे....
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मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ, मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है!
 
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ, मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है!
पत्थरों में भी एक दिन फूल खिल जाते हैं
भटके हुए राही को भी मंजिल मिल जाते हैं,
तन्हाइयां आज हैं, कल नहीं रहेगी यकीन रखो

सब्र रखो, वक्त आने पे हमराज भी मिल जाते हैं।
 
मैं तुम्हे
कभी गुलाब नही दूँगा....

किताबों में पड़े गुलाब सूख जाते हैं.....

और जैसे जैसे वो सूखते हैं....
सूखता जाता है आपस का प्रेम.....

मुझे गुलाबों के सूखने से डर लगता है.....
हाँ कभी मौका मिला
तो मैं जरूर दूँगा तुम्हे मोर का एक पंख

तुम उसे संभाल के रख लेना
प्रेम की किताब के एकदम बीचो बीच....

मोर के पंख कभी सूखते नहीं....
बचपन में सुना था
किताबों में मोर का पंख रखने से.....अच्छी रहती याददाश्त....


और यूँ भी....भूलने की आदत बहुत है तुम्हे....
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Lajabab bro ati sundar
 
पत्थरों में भी एक दिन फूल खिल जाते हैं
भटके हुए राही को भी मंजिल मिल जाते हैं,
तन्हाइयां आज हैं, कल नहीं रहेगी यकीन रखो

सब्र रखो, वक्त आने पे हमराज भी मिल जाते हैं।
मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूँ
वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता
 
पत्थरों में भी एक दिन फूल खिल जाते हैं
भटके हुए राही को भी मंजिल मिल जाते हैं,
तन्हाइयां आज हैं, कल नहीं रहेगी यकीन रखो

सब्र रखो, वक्त आने पे हमराज भी मिल जाते हैं।
एक खासियत यह भी तो है हमारी,
कि हम किसी के खास नहीं!
 
मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूँ
वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता
उस गुलाब को अपने प्यार से सिंचो
आपके जीवन की खूबसूरती बढ़ा देगा।
 
एक खासियत यह भी तो है हमारी,
कि हम किसी के खास नहीं!
आप कितने खास हैं आपको भी नही मालूम
यूंही तो नहीं आप लगती इतनी प्यारी हैं
एक बंदिश सी लगा रखी है आपने खुद पर

ऐसे ही नहीं आप इतने लोगों की दुलारी हैं।
 
आप कितने खास हैं आपको भी नही मालूम
यूंही तो नहीं आप लगती इतनी प्यारी हैं
एक बंदिश सी लगा रखी है आपने खुद पर

ऐसे ही नहीं आप इतने लोगों की दुलारी हैं।
कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं,
कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं!
 
कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं,
कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं!
हार और जीत, जीवन के परिणाम हैं
ऐसे ना कहो की इनकी वजह से निशान हैं
किसी के दिल से पूछो जिसने चाहा है

दिन नहीं आप उसके पूरे जीवन की शान हैं।
 
हार और जीत, जीवन के परिणाम हैं
ऐसे ना कहो की इनकी वजह से निशान हैं
किसी के दिल से पूछो जिसने चाहा है

दिन नहीं आप उसके पूरे जीवन की शान हैं।
ना साथ है किसी का ना सहारा है कोई,
ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई!
 
ना साथ है किसी का ना सहारा है कोई,
ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई!
ऐसी बातों से दिल क्यों दुखाती हैं
हम भी तो दोस्त हैं न आपके,
ऐसा बोल के, हमें बेगाना बनाती हैं
जब हम साथ हैं तो कैसा गम
एक बार हमसे कहके तो देखो
दूर कर देंगे आपके सारे भरम
दोस्ती तो जीवन का सर्वोत्तम उपहार है

कोई हो न हो हम तो आपके साथ हैं।
 
हम, से अब भी तेरी आरजू नहीं छोड़ी जाती। दर्पण देखने की अब जरूरत नज़र नहीं आती। वो तेरे दिये मोर पंख, गुलाबों की जगह, छुअन उनकी तेरे हाथों का अहसास कराती।
 
हम, से अब भी तेरी आरजू नहीं छोड़ी जाती। दर्पण देखने की अब जरूरत नज़र नहीं आती। वो तेरे दिये मोर पंख, गुलाबों की जगह, छुअन उनकी तेरे हाथों का अहसास कराती।
बहुत खूब senior:clapping:
दिल जीत लिया आपने।
 
उस गुलाब को अपने प्यार से सिंचो
आपके जीवन की खूबसूरती बढ़ा देगा।
गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है,
देता है पैगाम मोहब्बत का और,
खुद काँटों में रहता है
 
ना साथ है किसी का ना सहारा है कोई,
ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई!
गुलाब जैसी हो,
गुलाब लगती हो,
हल्का सा जो मुस्कुरा दो,
तो लाजवाब लगती हो
 
Kaya baat hai dil khush wala shayari thi :clapping:
हम, से अब भी तेरी आरजू नहीं छोड़ी जाती। दर्पण देखने की अब जरूरत नज़र नहीं आती। वो तेरे दिये मोर पंख, गुलाबों की जगह, छुअन उनकी तेरे हाथों का अहसास कराती।
 
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