• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

माँ

krishti

Epic Legend
Senior's
Posting Freak
जब धुप से जलने लगती हु तब
तेरी आँचल की याद आती हैं माँ

अपनी आंखो से उतार के जो लगाती
थी उस काजल की याद आती हैं माँ

भीगी इन बालो को जब देखती हु

तों उस सावन की याद आती हैं माँ
line-drawing-mother-is-hugging-her-daughter-abstract_323761-325.jpg


जब झुमने लगते है ये पायल तब
तेरी आँगन की याद आती हैँ मा

जब आखो से बरसने लगती हैँ बर्षादे

तब तेरी दामन की याद आती हैं माँ
VisualsStock_AK53245.jpg
उनकी ममताओं मे पलि
उनकी अचल की छाओमे बड़ी
फिर होगई बेटियां पराई
जब वो डोली मे चढ़ी
5.jpg
 
Last edited:
जब धुप से जलने लगती हु तब
तेरी आँचल की याद आती हैं माँ

अपनी आंखो से उतार के जो लगाती
थी उस काजल की याद आती हैं माँ

भीगी इस बालो को जब देखती हु

तों उस सावन की याद आती हैं माँ
View attachment 286694


जब झुमने लगते है ये पायल तब
तेरी आँगन की याद आती हैँ मा

जब आखो से बरसने लगती हैँ बर्षादे

तब तेरी दामन की याद आती हैं माँ
View attachment 286690
उनकी ममताओं मे पलि
उनकी अचल की छाओमे बड़ी
फिर होगई बेटियां पराई
जब वो डोली मे चढ़ी
View attachment 286691
Wah jii.. bahot badhiya
 
जब धुप से जलने लगती हु तब
तेरी आँचल की याद आती हैं माँ

अपनी आंखो से उतार के जो लगाती
थी उस काजल की याद आती हैं माँ

भीगी इन बालो को जब देखती हु

तों उस सावन की याद आती हैं माँ
View attachment 286694


जब झुमने लगते है ये पायल तब
तेरी आँगन की याद आती हैँ मा

जब आखो से बरसने लगती हैँ बर्षादे

तब तेरी दामन की याद आती हैं माँ
View attachment 286690
उनकी ममताओं मे पलि
उनकी अचल की छाओमे बड़ी
फिर होगई बेटियां पराई
जब वो डोली मे चढ़ी
View attachment 286691
मां शब्दों से परे है,
माँ एक एहसास है,
जिसके बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है।
*A_AICS
 
मुझे इतनी फुर्सत कहाँ कि अपनी तकदीर का लिखा देखूं,
बस माँ की मुस्कराहट देखकर समझ जाता हूँ की मेरी तक़दीर बुलंद है।
*A_AICS
 
जब धुप से जलने लगती हु तब
तेरी आँचल की याद आती हैं माँ

अपनी आंखो से उतार के जो लगाती
थी उस काजल की याद आती हैं माँ

भीगी इन बालो को जब देखती हु

तों उस सावन की याद आती हैं माँ
View attachment 286694


जब झुमने लगते है ये पायल तब
तेरी आँगन की याद आती हैँ मा

जब आखो से बरसने लगती हैँ बर्षादे

तब तेरी दामन की याद आती हैं माँ
View attachment 286690
उनकी ममताओं मे पलि
उनकी अचल की छाओमे बड़ी
फिर होगई बेटियां पराई
जब वो डोली मे चढ़ी
View attachment 286691
Ma toe fir ma hoti hai
 
Top