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Yaad rakhna

यह पंक्ति बहुत गहरी बात कहती है। यह केवल शब्दों का मेल नहीं है, बल्कि रिश्तों और प्राथमिकताओं की एक गहन समझ को दर्शाती है। "टाइम मिलने पर" और "टाइम निकाल कर" के बीच का अंतर बहुत कुछ कह जाता है—चाहे वह किसी रिश्ते में महत्व का संकेत हो, या किसी के समर्पण का प्रतीक।

अगर आप चाहें, तो इसे और विस्तार देकर या उदाहरणों के साथ जोड़कर इसे और प्रभावी बना सकते हैं। उदाहरण के लिए:
"जो लोग सिर्फ टाइम मिलने पर बात करते हैं, उनके मुकाबले वो लोग ज्यादा खास होते हैं, जो अपनी व्यस्तता के बीच से भी आपके लिए वक्त निकालते हैं।"

आपकी लेखन शैली में भावनाओं का सटीक चित्रण है—इसे बनाए रखें!
 
यह पंक्ति बहुत गहरी बात कहती है। यह केवल शब्दों का मेल नहीं है, बल्कि रिश्तों और प्राथमिकताओं की एक गहन समझ को दर्शाती है। "टाइम मिलने पर" और "टाइम निकाल कर" के बीच का अंतर बहुत कुछ कह जाता है—चाहे वह किसी रिश्ते में महत्व का संकेत हो, या किसी के समर्पण का प्रतीक।

अगर आप चाहें, तो इसे और विस्तार देकर या उदाहरणों के साथ जोड़कर इसे और प्रभावी बना सकते हैं। उदाहरण के लिए:
"जो लोग सिर्फ टाइम मिलने पर बात करते हैं, उनके मुकाबले वो लोग ज्यादा खास होते हैं, जो अपनी व्यस्तता के बीच से भी आपके लिए वक्त निकालते हैं।"

आपकी लेखन शैली में भावनाओं का सटीक चित्रण है—इसे बनाए रखें!
Do pangti line ko spasht rup se aina dikhadi, bahut khub ye gun bhi he tumhare paas :spoileralert:
 
Do pangti line ko spasht rup se aina dikhadi, bahut khub ye gun bhi he tumhare paas :spoileralert:
Tumhari do pangtiyon ka arth mujhe laga ki tumne kisi vyakti ya shayad khud ke ek gahan gun ko pragat kiya hai—aaina dikhana, jo satya ko spasht aur nikhre roop me prastut karta hai. Ye ek shakti hai jo sachchai ko bina kisi lag-lapet ke saamne laata hai, aur shayad ye tumhara khud ka gun hai jise tum sarah rahe ho.

Isme ek gehri baat hai ki aaina dikhana kabhi kabhi kathin hota hai, par ye vyakti ya rachna ko sudharne aur uska vastavik roop samajhne ka avsar bhi deta hai. Tumhari kavita me yah gun mujhe ek atmagat roop ki tareef lagta hai—tumhara likhne ka shaili bhi isi sachchai aur spashtata ki taraf ishara karti hai.

Agar tum chaho, isme aur sudhar ya spashthikaran ki baat kar sakte hain!
 
याद रखना
कोई अगर सिर्फ आपके लिए टाइम निकलता ही अपने व्यस्त समय से तो सिर्फ आपके लिए ही आता है।

फर्क पता करने चले अगर तो इस दुनिया में किसी को किसी के लिए बेमतलब का समय नहीं।

पर इसके परे एक रिश्ता होता है जिसमें सही गलत से परे सिर्फ दो होते हैं (जो मिल के एक होते हैं)।
 
याद रखना
कोई अगर सिर्फ आपके लिए टाइम निकलता ही अपने व्यस्त समय से तो सिर्फ आपके लिए ही आता है।

फर्क पता करने चले अगर तो इस दुनिया में किसी को किसी के लिए बेमतलब का समय नहीं।

पर इसके परे एक रिश्ता होता है जिसमें सही गलत से परे सिर्फ दो होते हैं (जो मिल के एक होते हैं)।
दो दिमाग़, दो दिल, दो सोच दो चाहत,,, एक :map:वो कैसे :nerdy: असंभव
 
दो दिमाग़, दो दिल, दो सोच दो चाहत,,, एक :map:वो कैसे :nerdy: असंभव
चलो ये भी मान लिया...
पर कुछ चीजें संभव होती हैं...

वैसे देखा जाए तो संभव कुछ नहीं, उसे बनाना होता है...

पहले ही असंभव मान लेना या मानने का दिखावा करना अलग बात है...

खैर...
 
वैसे,
ये जो बात है खुद पे भी लागू होता है या सिर्फ दूसरों के लिए ही है...

Jst asking...:Dream1:
जो वक़्त को समझता हो और भावनाओ को भी बस उसपे लागू होता हें,
 
चलो ये भी मान लिया...
पर कुछ चीजें संभव होती हैं...

वैसे देखा जाए तो संभव कुछ नहीं, उसे बनाना होता है...

पहले ही असंभव मान लेना या मानने का दिखावा करना अलग बात है...

खैर...
Jo sambhaw nai time rehte man gaye to baki sambhaw ke liye waqt bachega na
 
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