Waaahकैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है
Kya bt hइंतजार से थकी इन आंखों में कुछ ख्यालात चाहती हूँ
मेरी नज़्मों को पढ़ने वाले तुझ से एक मुलाकात चाहती हूँ
बारिश के मौसम में वो हमसे पहली बार मिले,Na sukoon se din gujra....
na chain se raat hui....
Me khud se bichad gya....
jb us shqks se mulakat hui....
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Tera intezar krna mera ishq h.....or bs tera hi intezar krna mera junoon h....तेरे 'इंतज़ार'' में मेरा बिखरना इश्क़ है... तेरी “मुलाकात” पर निखरना मेरा इश्क़ है...
Waaahदिल किसी से तब ही लगाना जब दिलो को पढ़ना सिख लो,
वरना हर एक चहरे की फितरत में इमानदारी नहीं होती!
Bahut khoobसिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वाले से हमने,
हसीन जिसकी जीतनी अदा है वो उतना ही बेवफा!
Waah waahजब तक न लगे एक बेवफाई की ठोकर,
हर किसी की अपने महबूब पे नाज होता है!
Nice broबारिश के मौसम में वो हमसे पहली बार मिले,
खुशबू थी फिजाओं में और प्यार के थे फूल खिले।
Badhiyaउन्होंने मुझसे पूछा तोहफे में क्या चाहिए
हमने कहा की वो मुलाकात जो कभी ख़त्म ना हो।
Waahजब भी करनी होगी तुमसे मुलाकात,
तेरे ख्वाबों में आजाएंगे हम उसी रात।
Waaah
Bahut khoob
Waah waah
हुआ यूं कि अचानकNa sukoon se din gujra....
na chain se raat hui....
Me khud se bichad gya....
jb us shqks se mulakat hui....
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Roz tera intzaar hota hai,
Waaah broहुआ यूं कि अचानक
आज उनसे मुलाकात हो गई,
उनका पूछना था कैसे हो?
की आँखों से बरसात हो गई।