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Tum or mai kuch bhi nahi..❤️

CHARLIE_

Newbie
कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं

शिवाए इसके

कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन

तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल

मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल

तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना

मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल

मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल

देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...❤️


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कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं

शिवाए इसके

कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन

तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल

मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल

तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना

मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल

मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल

देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...❤️


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कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं

शिवाए इसके

कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन

तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल

मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल

तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना

मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल

मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल

देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...❤️


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Aati sundar bilkul meri jaesi:blush:
 
कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं

शिवाए इसके

कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन

तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल

मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल

तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना

मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल

मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल

देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...❤️


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Ati sundar bro :clapping:
 
कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं

शिवाए इसके

कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन

तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल

मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल

तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना

मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल

मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल

देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...❤️


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मुद्दा यह नहीं की तुम कैसे हो....
मसला है कि हमारे बगैर कैसे हो।
 
कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं

शिवाए इसके

कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन

तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल

मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल

तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना

मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल

मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल

देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...❤️


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Acha
 
Mujhme abbb mera kuch bhi nahi,
Maine khudko tere hawaale kr diya...❤️
Yeh aasmaan, yeh nazaare, yeh chaand,
Yeh sitaare sab feeke hai,
Mene apni aankho me bas,
Tera chehra bhar liya..❤️
Rakh le mujhe apni baaho me tu,
Abb mujhe yeh duniya acchi nahi lgti..
Yeh jism, yeh dhadkan toh kuch bhi nahi,

Mene apni rooh tak tere hawale kr diya.❤️

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