CHARLIE_
Newbie
कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं
शिवाए इसके
कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन
तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल
मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल
तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना
मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल
मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल
देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...![Red heart :heart: ❤️](https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/7.0/png/unicode/64/2764.png)
कुछ भी नहीं
शिवाए इसके
कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन
तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल
मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल
तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना
मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल
मुझ को तू आके, सर्दी सी रातों में,
झाड़ों के नीचे जो आ के तू मिल
देखूँ तेरी आंखों में, कहुं कुछ भी नहीं
सही तो कहा, तुम और मैं, कुछ भी नहीं...
![Red heart :heart: ❤️](https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/7.0/png/unicode/64/2764.png)
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