Jab dono or se ho tab
Ye to ek dam sahi bata hai hame bhi nhi ata
नज़रे करम” मुझ पर इतना न कर,
Niceनज़रे करम” मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।
कहाँ आँसुओं की ये सौग़ात होगी,
नए लोग होंगे नई बात होगी।
मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा,
तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी।
Ye to ek dam sahi bata hai hame bhi nhi ata
Jab dono or se ho tab