क्यू मेरी आंखो मे शुकून नही दिखता
वो क्यू मेरे चेहरे पे उदासी ढूंढ लेती हैं
मैं तो सुनाया करता हूं किस्से कहानी नए नए
वो पगली पता नहीं कहा से बात जरा सी ढूंढ लेती हैं
वो क्यूं मेरे चेहरे पे उदासी ढूंढ लेती हैं
मैं अपने हालातो पे इतना गौर नही करता
मैं रोता हूं चिल्लाता हूं मगर शोर नही करता
मैं छुपा लेता हूँ दर्द को अपनी आंखों के पीछे
ना जाने कैसे फिरा मेरी वो ढूंढ लेती हैं
वो क्यूं मेरे चेहरे पे उदासी ढूंढ लेती हैं
जो दिल मे रहते हैं वो हाल ए दिल जान लेते हैं
पर केसे कहूं तेरे बिना ये मौसम मेरी जान लेते है
चलो मान लेते हैं खुदा भी बाद है तेरे
है इबादत तू मेरी मुझे दुआ सी ढूंढ लेती है
वो मेरे चेहरे को पढ़ती हैं
और मेरी उदासी ढूंढ लेती है