यूँही मर मर के जिएँ वक़्त गुज़ारे जाएँ, जिंदगी हम तिरे हाथों से न मारे जाएँ अब ज़मीं पर कोई गौतम न मोहम्मद न मसीह,
आसमानों से नए लोग उतारे जाएँ
वो जो मौजूद नहीं उस की मदद चाहते हैं, वो जो सुनता ही नहीं उस को पुकारे जाएँ हम कि नादान जुआरी हैं सभी जानते हैं, दिल की बाज़ी हो तो जी जान से
हारे जाएँ...
आसमानों से नए लोग उतारे जाएँ
वो जो मौजूद नहीं उस की मदद चाहते हैं, वो जो सुनता ही नहीं उस को पुकारे जाएँ हम कि नादान जुआरी हैं सभी जानते हैं, दिल की बाज़ी हो तो जी जान से
हारे जाएँ...