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♥️प्रेम मे एक पुरुष♥️

Yug Purush

Epic Legend
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Chat Pro User
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
 
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
इतिहास गवाह है
एक पुरुष अपनी मनपसंद स्त्री के आगे ही पूरी श्रद्धा से नतमस्तक होता है।
उसकी सारी जायज या नाजायज मांग को भी हंसते हुए पूरा करना धर्म समझता है।
और अगर वो मनपसंद स्त्री उसकी प्रेमिका/पत्नी हो तो फिर क्या ही कहने......
 
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
that's-just-amazing-rashmika-mandanna.gif
 
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
Beautiful bro
 
किसी इंसान का आदी मत बनिए !
क्यूँकि इंसान बहुत खुदगर्ज़ है
जब आपको पसंद करता है ,
तो आपकी बुराई भूल जाता है ,
और जब आपसे नफरत करता है
तो आपकी अच्छाई भूल जाता है !
 
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
cool.:cool:
 
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
Ati sundar :heart1:
 
दिल कहता है , बाँहों मे भर के ख्वाहिशें सारी बताऊँ,
उलझी इन लटों को, उँगलियों से अपनी सुलझाऊँ,
झील सी तेरी आँखों मे, गहरा बस डूबता सा जाऊँ,
तेरी धड़कनो की धुन से ,सुकून इश्क मै दे जाऊँ,
गर्माहट दे कर साँसों की , हौले हौले तुझ मे खोता जाऊँ,
तेरे लबों की चाशनी को, धीरे धीरे पिता जाऊँ,
बलखाते तेरे बदन को अपनी छुवन से सहलाऊँ,
मोहब्बत मे आज तो, तेरे रंग मे खुद को रंग जाऊँ....
 
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
प्रेम प्रेम ही होता हें
पररम मे भाव होती हें
जो प्रेम मे हें वो उसके लिए सब कुछ करते हें
 
दिल कहता है , बाँहों मे भर के ख्वाहिशें सारी बताऊँ,
उलझी इन लटों को, उँगलियों से अपनी सुलझाऊँ,
झील सी तेरी आँखों मे, गहरा बस डूबता सा जाऊँ,
तेरी धड़कनो की धुन से ,सुकून इश्क मै दे जाऊँ,
गर्माहट दे कर साँसों की , हौले हौले तुझ मे खोता जाऊँ,
तेरे लबों की चाशनी को, धीरे धीरे पिता जाऊँ,
बलखाते तेरे बदन को अपनी छुवन से सहलाऊँ,
मोहब्बत मे आज तो, तेरे रंग मे खुद को रंग जाऊँ....

प्रेम प्रेम ही होता हें
पररम मे भाव होती हें
जो प्रेम मे हें वो उसके लिए सब कुछ करते हें
ना कहीं कोई शत्रु मेरा,
ना मेरा कोई मित्र है,

हर तरफ अब दिल में मेरे,
बस प्रेम भाव का चित्र है,

ना जुड़ाव है ना लगाव है,
ना किसी से कोई अलगाव है,

ना बाकी रही कोई कड़वी याद,
ना शब्दों के दिल पे घाव हैं,

ना टूटा ना कुछ छूटा है,
संबंधों में अलग सा ठहराव,

असंभव वर्णन प्रेम भाव का,
कि शब्दों का गहरा अभाव है,

अपने-पराये सब एक हो जाए,
कुछ ऐसा इस प्रेम का भाव है।
 
दिल कहता है , बाँहों मे भर के ख्वाहिशें सारी बताऊँ,
उलझी इन लटों को, उँगलियों से अपनी सुलझाऊँ,
झील सी तेरी आँखों मे, गहरा बस डूबता सा जाऊँ,
तेरी धड़कनो की धुन से ,सुकून इश्क मै दे जाऊँ,
गर्माहट दे कर साँसों की , हौले हौले तुझ मे खोता जाऊँ,
तेरे लबों की चाशनी को, धीरे धीरे पिता जाऊँ,
बलखाते तेरे बदन को अपनी छुवन से सहलाऊँ,
मोहब्बत मे आज तो, तेरे रंग मे खुद को रंग जाऊँ....
तेरी याद हरपल मेरे संग है
हर रंग से जुदा मोहब्बत का रंग है

वो अपना होता है और होता है पराया भी
दिल हमारे शरीर का ऐसा अंग है

तेरे साथ होने से हैं जीवन में रंगीनियां
तेरे बिना तो जैसे जिन्दगी बेरंग है

तेरा प्यारा सा चेहरा देखकर
आँखों के सागर में उठती तरंग है

तुम्हें बाहों में भर लेने के लिए
दिल में उठती हरपल उमंग है

सब जीत कर भी हार जाता है इंसान सबकुछ
मोहब्बत की जंग
एक ऐसी ही जंग है
 
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