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Deleted member 10714
Guest
JiiAcha
JiiAcha
Hn tumhari h to tumhe lagega hi dimag waliNahi re meri @Somaiya Karn k pass full power dimaag h
behaddd khubsuratसोचती हूं....
रंग चुराकर फिज़ाओं से, अब किस्मत सजा लूं! सन्नाटा कोई, पसरा हुआ है, दिल में कब से, हवा के राग से संगीत बना, अब गुनगुना लूं! कश्ती जिंदगी की, सूखी नदिया में खड़ी है, दरिया बादलों का, दे जो पानी, सागर भरा लूं ! जुस्तजू सब... जीने की... रखकर एक किनारे, रखकर एक आजाद कर दूजों से, खुद को खुद से मिला लूं!View attachment 132446
Nice khush rhni chyeसोचती हूं....
रंग चुराकर फिज़ाओं से, अब किस्मत सजा लूं! सन्नाटा कोई, पसरा हुआ है, दिल में कब से, हवा के राग से संगीत बना, अब गुनगुना लूं! कश्ती जिंदगी की, सूखी नदिया में खड़ी है, दरिया बादलों का, दे जो पानी, सागर भरा लूं ! जुस्तजू सब... जीने की... रखकर एक किनारे, रखकर एक आजाद कर दूजों से, खुद को खुद से मिला लूं!View attachment 132446
True word...Nice khush rhni chye
लाजवाबसोचती हूं....
रंग चुराकर फिज़ाओं से, अब किस्मत सजा लूं! सन्नाटा कोई, पसरा हुआ है, दिल में कब से, हवा के राग से संगीत बना, अब गुनगुना लूं! कश्ती जिंदगी की, सूखी नदिया में खड़ी है, दरिया बादलों का, दे जो पानी, सागर भरा लूं ! जुस्तजू सब... जीने की... रखकर एक किनारे, रखकर एक आजाद कर दूजों से, खुद को खुद से मिला लूं!View attachment 132446
Niceसोचती हूं....
रंग चुराकर फिज़ाओं से, अब किस्मत सजा लूं! सन्नाटा कोई, पसरा हुआ है, दिल में कब से, हवा के राग से संगीत बना, अब गुनगुना लूं! कश्ती जिंदगी की, सूखी नदिया में खड़ी है, दरिया बादलों का, दे जो पानी, सागर भरा लूं ! जुस्तजू सब... जीने की... रखकर एक किनारे, रखकर एक आजाद कर दूजों से, खुद को खुद से मिला लूं!View attachment 132446
Nice oneसोचती हूं....
रंग चुराकर फिज़ाओं से, अब किस्मत सजा लूं! सन्नाटा कोई, पसरा हुआ है, दिल में कब से, हवा के राग से संगीत बना, अब गुनगुना लूं! कश्ती जिंदगी की, सूखी नदिया में खड़ी है, दरिया बादलों का, दे जो पानी, सागर भरा लूं ! जुस्तजू सब... जीने की... रखकर एक किनारे, रखकर एक आजाद कर दूजों से, खुद को खुद से मिला लूं!View attachment 132446
ज्यादा न सोचोसोचती हूं....
रंग चुराकर फिज़ाओं से, अब किस्मत सजा लूं! सन्नाटा कोई, पसरा हुआ है, दिल में कब से, हवा के राग से संगीत बना, अब गुनगुना लूं! कश्ती जिंदगी की, सूखी नदिया में खड़ी है, दरिया बादलों का, दे जो पानी, सागर भरा लूं ! जुस्तजू सब... जीने की... रखकर एक किनारे, रखकर एक आजाद कर दूजों से, खुद को खुद से मिला लूं!View attachment 132446