अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??
तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??
एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??
लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??
कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??
आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??
एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??
अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??
अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??
आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??
गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??
रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??
अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??
हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??
मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??
मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??
कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??
अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??
चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??
घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??
अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??
हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??
इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??
" yug "
तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??
एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??
लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??
कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??
आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??
एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??
अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??
अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??
आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??
गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??
रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??
अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??
हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??
अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??
मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??
मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??
कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??
अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??
चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??
घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??
अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??
हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??
इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??
" yug "