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शुरू से शुरू करूं तो

Yug Purush

Epic Legend
Senior's
Chat Pro User
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
 
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
बहुत खूब :clapping:
 
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
Ati sundar bro ❤️
 
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
Fantastic bro:cool:
 
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
Wah wah bahut khub bhai :clapping:
 
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
that's-just-amazing-rashmika-mandanna.gif*A_AICS
 
अगर शुरू से शुरू करूं तो कुछ इस बार मुहब्बत हो जाएगी क्या ??

तुम्हारी पसंदीदा गाने सुनाऊं तो तुम मेरी हो जाओगी क्या ??

एक शाम चाय पर तुम्हे बुलाऊं तोह गुलाबों से भरा गुलदस्ता लाओगी क्या ??

लाल चूड़ियां लाकर तुम्हे मनाऊं तोह तुम उन्हें पहन कर इतराओगी क्या ??

कुछ बात कहना है तुमसे तो थोड़ी देर रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो इस बार रुक जाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या??

आवाज पसन्द है तुम्हारी अपने पसंदीदा गाने सुना पाओगी क्या??

एक रोज ढलता सूरज देखा है मैने मेरे साथ चार कदम चल पाओगी क्या??

अपनी ही बातों मै उलझा रहता हूं कभी उन्हें समझकर कर सुलझा पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम मुझे अपनी आदत बना पाओगी क्या ??

अगर शुरू से शुरू करूं तो तुम फिर से रुक जाओगी क्या ??

आदत नहीं मुझे किसी के साथ रहने की, तुम बुरी आदतें मेरी बदल पाओगी क्या ??

गुस्से में कभी तुम्हे चले जाने को बोलूं तो तुम छोड़ कर चली जाओगी क्या??

रूठ जाता हूं छोटी बातों पर तुम हर बार माना पाओगी क्या??

अगर कभी तुम्हारे सामने रोने लग जाऊ तो जिन बातों का मुझे डर है उसे याद रख पाओगी क्या??

हमेशा बातें कहते कहते रुक जाता हू, तुम बिना कही बातें सुन पाओगी क्या??

अगर शुरू से शुरू करूं तो मुझे कहानियों वाले प्यार कर पाओगी क्या??

मुझे रूठना है तुमसे, मुझे रूठना है तुमसे तुम मानने आओगी क्या??

मैं भागना चाहता हूं खुद से तुम मुझे ढूंढने आओगी क्या??

कुछ सुलझा रहा हूं मै थोड़ा इंतेज़ार कर पाओगी क्या??

अगर संभल न पाऊं खुद से तोह मेरा साथ निभा दोगी क्या??

चलो मानो शुरू से शुरू कर लिया तब भी हमारी अधूरी कहानी पूरी कर पाओगी क्या??

घाव को दिल पर यूं लगे है तुम मरहम लगाके उन्हें भर पाओगी क्या??

अगर मैं पास आऊं तुम्हारे,, हमारी दरारें मिटा पाओगी क्या??

हिम्मत कर के अपना टूटा दिल तुम्हारी सामने रख दूं,, तोह फिर से इश्क करके मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या??

इस बार की मुलाकात एक नई शुरुआत होगी,, फिर एक बार मुझे अलविदा कह दोगी क्या ??

" yug "♥️♥️
चलो फिर से अनजान बन जानो दे
अनजानो से पहचान बढ़जाने दो
चलो फिर से अनजान बन जाने दो

नजर से छेड़ खानी होने दो
मन से मनकी मनमानी होने दो
रुके कदमको आगे चल जाने दो
प्रेम की धुनको मे बह जाने दो
चलो फिर से अनजान बन जाने दो

तेरी हर ख्वाइसे सलाखों पर
हो जाउंगी कुर्बान उन बातो पर
रख दूंगी ये हाथ उन हाथो पर

पर इन हाथों को थाम पाओगे क्या
खामोश इन आँखो को जान पाओगे क्या
जो यादे संजोये हो पहले उसे जल जाने दो

चलो फिर से अनजान बन जाने दो
अनजानो से पहचान बढ़ जाने दो
....................:giggle:
 
चलो फिर से अनजान बन जानो दे
अनजानो से पहचान बढ़जाने दो
चलो फिर से अनजान बन जाने दो

नजर से छेड़ खानी होने दो
मन से मनकी मनमानी होने दो
रुके कदमको आगे चल जाने दो
प्रेम की धुनको मे बह जाने दो
चलो फिर से अनजान बन जाने दो

तेरी हर ख्वाइसे सलाखों पर
हो जाउंगी कुर्बान उन बातो पर
रख दूंगी ये हाथ उन हाथो पर

पर इन हाथों को थाम पाओगे क्या
खामोश इन आँखो को जान पाओगे क्या
जो यादे संजोये हो पहले उसे जल जाने दो

चलो फिर से अनजान बन जाने दो
अनजानो से पहचान बढ़ जाने दो
...............

जानकर भी अंजान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं।

कलम से कह दो हदों मे रहे ज़रा
चर्चे ये सरे आम किए जाते हैं।
कैद करती हूँ जिये लम्हों को कहीं,
ये चीखकर कोहराम किए जाते हैं।

जानकर भी अन्जान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं।

चरागों ने की रोशनी दीवाली तक,
अंधेरे फिर अपना दम भरे जाते हैं।
थे किनारे सड़कों के हरियाली लिए,
बढ़ते कदमों संग बंजर नज़र आते हैं।

जानकर भी अन्जान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं।

मौसम बंसती रहा होगा तब शायद ,
अब पतझड़ी दस्तक दिए जाते हैं।
चाहकर भी मुकद्दर ना बदल पाएं,
बीती बातों को पढ़ मुस्कुराए जाते हैं ।

जानकर भी अन्जान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं
 
जानकर भी अंजान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं।

कलम से कह दो हदों मे रहे ज़रा
चर्चे ये सरे आम किए जाते हैं।
कैद करती हूँ जिये लम्हों को कहीं,
ये चीखकर कोहराम किए जाते हैं।

जानकर भी अन्जान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं।

चरागों ने की रोशनी दीवाली तक,
अंधेरे फिर अपना दम भरे जाते हैं।
थे किनारे सड़कों के हरियाली लिए,
बढ़ते कदमों संग बंजर नज़र आते हैं।

जानकर भी अन्जान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं।

मौसम बंसती रहा होगा तब शायद ,
अब पतझड़ी दस्तक दिए जाते हैं।
चाहकर भी मुकद्दर ना बदल पाएं,
बीती बातों को पढ़ मुस्कुराए जाते हैं ।

जानकर भी अन्जान बने जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े बेईमान बने जाते हैं

गर आख़री कोसिस कर पाते
तो मुकद्दर भी बदल जाते

नसीबो से छोड़ आना था तो सपने सजाये क्यू
इतनी आसानी से हार को गले लगाए क्यू
जब उन लफ्जो पे जो खामोशी छा गया
तब रिस्तो मे बेहमानी आगया

गर आख़री कोसिस कर पाते
तो मुकद्दर भी बदल जाते
:giggle:
 
गर आख़री कोसिस कर पाते
तो मुकद्दर भी बदल जाते

नसीबो से छोड़ आना था तो सपने सजाये क्यू
इतनी आसानी से हार को गले लगाए क्यू
जब उन लफ्जो पे जो खामोशी छा गया
तब रिस्तो मे बेहमानी आगया

गर आख़री कोसिस कर पाते
तो मुकद्दर भी बदल जाते
:giggle:
तेरी कोशिश है चराग़ों को बुझा दे मेरे
मेरी हसरत है तिरे घर में उजाला जाए
 
तेरी कोशिश है चराग़ों को बुझा दे मेरे
मेरी हसरत है तिरे घर में उजाला जाए
हसरते पूरी करना है तो करदो हमारी
करके रोशनी दिल मे तुम्हारी :giggle:
 
हसरते पूरी करना है तो करदो हमारी
करके रोशनी दिल मे तुम्हारी :giggle:
हसरतों का हो गया है इस क़दर दिल में हुजूम
साँस रस्ता ढूँढती है आने जाने के लिए....
 
हसरतों का हो गया है इस क़दर दिल में हुजूम
साँस रस्ता ढूँढती है आने जाने के लिए....
हुजूम ये क्या he:nerdy:
 
हसरतों का हो गया है इस क़दर दिल में हुजूम
साँस रस्ता ढूँढती है आने जाने के लिए....

रख के दिल मे इतना हुजूम
फिर से छीन रहे हो सारा सुकून
 
रख के दिल मे इतना हुजूम
फिर से छीन रहे हो सारा सुकून
पसंद कहाँ है दिल को सुकून,
बस ये तो मचलना जानता है
प्यार न हो रंजिश ही सही,
ये सब कुछ करना जानता है।

जब दिल में प्यार पनपता है
रंगीन नजारे होते हैं,
आसमान इंद्रधनुष सा हो
बारिस की फुहारें होती हैं।

फिर कोई अपना लगता है,
प्यारे ये सहारे होते है,
रंजिश न रख एे प्यारे दिल !
बस प्यार ही प्यार बढाता जा ।

जिससे भी मिल दो बातें कर,
नफरत की आग मिटाता जा !
 
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