• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

शायद...

Rockzz ✨श्वेतराग✨

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
Chat Pro User
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

लब पे आई मेरी ग़ज़ल शायद
वो अकेले हैं आज-कल शायद

दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इस का कोई नहीं है हल शायद

जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
उन से होता नहीं अमल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

राख को भी कुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद

चाँद डूबे तो चाँद ही निकले

आप के पास होगा हल शायद
FB_IMG_1728366387582.jpg
- गुलजार
 
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

लब पे आई मेरी ग़ज़ल शायद
वो अकेले हैं आज-कल शायद

दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इस का कोई नहीं है हल शायद

जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
उन से होता नहीं अमल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

राख को भी कुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद

चाँद डूबे तो चाँद ही निकले

आप के पास होगा हल शायद
View attachment 267031
- गुलजार
Nice lines brother :Like::Like::hearteyes:
 
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

लब पे आई मेरी ग़ज़ल शायद
वो अकेले हैं आज-कल शायद

दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इस का कोई नहीं है हल शायद

जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
उन से होता नहीं अमल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

राख को भी कुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद

चाँद डूबे तो चाँद ही निकले

आप के पास होगा हल शायद
View attachment 267031
- गुलजार
Awesome:cool:
 
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

लब पे आई मेरी ग़ज़ल शायद
वो अकेले हैं आज-कल शायद

दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इस का कोई नहीं है हल शायद

जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
उन से होता नहीं अमल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

राख को भी कुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद

चाँद डूबे तो चाँद ही निकले

आप के पास होगा हल शायद
View attachment 267031
- गुलजार
इश्क़ सुनते थे जिसे हम वो यही है शायद

ख़ुद-बख़ुद दिल में है इक शख़्स समाया जाता...
 
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

लब पे आई मेरी ग़ज़ल शायद
वो अकेले हैं आज-कल शायद

दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इस का कोई नहीं है हल शायद

जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
उन से होता नहीं अमल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

राख को भी कुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद

चाँद डूबे तो चाँद ही निकले

आप के पास होगा हल शायद
View attachment 267031
- गुलजार
वह खुश हैं पर शायद हम से नहीं,
वह नाराज हैं पर शायद हमसे नहीं,
कौन कहता हैं उनके दिल में मोहब्बत नहीं,
मोहब्बत तो हैं पर शायद हमसे नहीं..!
 
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

लब पे आई मेरी ग़ज़ल शायद
वो अकेले हैं आज-कल शायद

दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इस का कोई नहीं है हल शायद

जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
उन से होता नहीं अमल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

राख को भी कुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद

चाँद डूबे तो चाँद ही निकले

आप के पास होगा हल शायद
View attachment 267031
- गुलजार
शायद उसे मुझे पढ़ना आता ही नहीं
मैं तो खुला दरवाजा हूँ साँकल लगाता ही नहीं

घर की हर दीवार पे मेरी तस्वीर है
मगर तस्वीर में उसे मैं नज़र आता ही नहीं।।
 
Top