......◇☆◇वो मैं हूँ◇☆◇.....
गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल.. जो काट ना सकोगे वो एक रात मैं हूँ।
की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से, दिल पर जो लगेगी वो एक बात मैं हूँ।
भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे, अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ मैं हूँ।
बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में, भुला नहीं पाओगे, वो एक याद मैं हूँ।
गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल.. जो काट ना सकोगे वो एक रात मैं हूँ।
की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से, दिल पर जो लगेगी वो एक बात मैं हूँ।
भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे, अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ मैं हूँ।
बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में, भुला नहीं पाओगे, वो एक याद मैं हूँ।