वो प्रेम करती है तुम्हें, उसे सदा अपने साथ रखना उदास दिखे कभी तो, हौले से हाथ पर हाथ रखना !
उसके दुःख में उसके लोगों के हाथ बंध जाएं अगर, तो उसके लिये तुम खुले अपने दोनों हाथ रखना !
यूँ तो वो मुसीबत में कमजोर नहीं पड़ती है, पर दिखें आंसू कभी तो आँखों पर अपने हाथ रखना !
वो तन्हा न महसूस करे खुद को भीड़ में भी कभी, निडर रहेगी बस उसके हाथों में अपना हाथ रखना !
कहती रहती है हर बार एक यही बात मुझसे वो, मेरी मांग पर सिंदूर लिये तुम ही अपना हाथ रखना !
ये हवाएं भी कोशिश में हैं तेरी उम्मीद बुझाने को, लेकिन तू भी दिये के चारों ओर जमाए अपना हाथ रखना !