jeisi bhi ho kamal ho tum,View attachment 175000मैं जैसी हूँ, क्या वैसे मुझे अपनाओगे तुम ....
दर्पण देखना पसंद नहीं मुझे, क्या आँखों को अपने आईना मेरा बनाओगे तुम?
बालों में कंघी करना अक्सर भूल जाती हूँ, क्या उलझी ज़ुल्फ़ों को मेरे सुलझाओगे तुम?
सजना सँवरना आता नहीं मुझे, क्या सादगी को मेरे समझ पाओगे तुम?
प्रेम को समझना चाहती हूँ, क्या दिल में अपने मुझे बसाओगे तुम?
होंठों से नहीं कह पाती मैं ज़ज्बात, क्या कोई कविता मेरी बन पाओगे तुम?
Wahh wahh bohot nicejeisi bhi ho kamal ho tum,
pta nhi kiske liye bni ho per bemishal ho tum
NiceView attachment 175000मैं जैसी हूँ, क्या वैसे मुझे अपनाओगे तुम ....
दर्पण देखना पसंद नहीं मुझे, क्या आँखों को अपने आईना मेरा बनाओगे तुम?
बालों में कंघी करना अक्सर भूल जाती हूँ, क्या उलझी ज़ुल्फ़ों को मेरे सुलझाओगे तुम?
सजना सँवरना आता नहीं मुझे, क्या सादगी को मेरे समझ पाओगे तुम?
प्रेम को समझना चाहती हूँ, क्या दिल में अपने मुझे बसाओगे तुम?
होंठों से नहीं कह पाती मैं ज़ज्बात, क्या कोई कविता मेरी बन पाओगे तुम?
Teri yehi batto par marti hu...Kyu khud se kiye, itne sare sawal,
Asani se main bol du, par
Tera dil bhi jane sare mere ye jawab...,
Mayus, Na ho mere dil ke janab...,
Zindgi har pal jeeyu sang, tere...,
Me bhi dekhta hu yahi saare khwab...,
kabhi Mangna na tum mere..,
Pyar ka yuh hisaab...,
har panno me tere nam se bhari
Meri zindagi ki likhi, ye kitaab...
Gumnam hu gulzaar hu tere hi sahare
Nazme sari teri liye hi to likhta hu...,
Waise to kimti alfaz hai hamare...,
Teri wafai ke bazar me hi to binmol bikta hu.
Wow niceView attachment 175000मैं जैसी हूँ, क्या वैसे मुझे अपनाओगे तुम ....
दर्पण देखना पसंद नहीं मुझे, क्या आँखों को अपने आईना मेरा बनाओगे तुम?
बालों में कंघी करना अक्सर भूल जाती हूँ, क्या उलझी ज़ुल्फ़ों को मेरे सुलझाओगे तुम?
सजना सँवरना आता नहीं मुझे, क्या सादगी को मेरे समझ पाओगे तुम?
प्रेम को समझना चाहती हूँ, क्या दिल में अपने मुझे बसाओगे तुम?
होंठों से नहीं कह पाती मैं ज़ज्बात, क्या कोई कविता मेरी बन पाओगे तुम?
Awesome somu <3Teri yehi batto par marti hu...
Durr jana chahu phir bhi pass khichi aati hu...
Uu na moh muje apne jajbatto main ..
Na fasa muje apne sabdo main..
Teri mohhbat anmol hain meri wafao ki bazar main bbi tu befikar rehnn
galtio or typing mistak ko najarandaj kre
Welcome back brushAwesome somu <3
Welcome to my heart dear....View attachment 175000मैं जैसी हूँ, क्या वैसे मुझे अपनाओगे तुम ....
दर्पण देखना पसंद नहीं मुझे, क्या आँखों को अपने आईना मेरा बनाओगे तुम?
बालों में कंघी करना अक्सर भूल जाती हूँ, क्या उलझी ज़ुल्फ़ों को मेरे सुलझाओगे तुम?
सजना सँवरना आता नहीं मुझे, क्या सादगी को मेरे समझ पाओगे तुम?
प्रेम को समझना चाहती हूँ, क्या दिल में अपने मुझे बसाओगे तुम?
होंठों से नहीं कह पाती मैं ज़ज्बात, क्या कोई कविता मेरी बन पाओगे तुम?
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दर्पण देखना पसंद नहीं मुझे, क्या आँखों को अपने आईना मेरा बनाओगे तुम?
बालों में कंघी करना अक्सर भूल जाती हूँ, क्या उलझी ज़ुल्फ़ों को मेरे सुलझाओगे तुम?
सजना सँवरना आता नहीं मुझे, क्या सादगी को मेरे समझ पाओगे तुम?
प्रेम को समझना चाहती हूँ, क्या दिल में अपने मुझे बसाओगे तुम?
होंठों से नहीं कह पाती मैं ज़ज्बात, क्या कोई कविता मेरी बन पाओगे तुम?
So beautifulView attachment 175000मैं जैसी हूँ, क्या वैसे मुझे अपनाओगे तुम ....
दर्पण देखना पसंद नहीं मुझे, क्या आँखों को अपने आईना मेरा बनाओगे तुम?
बालों में कंघी करना अक्सर भूल जाती हूँ, क्या उलझी ज़ुल्फ़ों को मेरे सुलझाओगे तुम?
सजना सँवरना आता नहीं मुझे, क्या सादगी को मेरे समझ पाओगे तुम?
प्रेम को समझना चाहती हूँ, क्या दिल में अपने मुझे बसाओगे तुम?
होंठों से नहीं कह पाती मैं ज़ज्बात, क्या कोई कविता मेरी बन पाओगे तुम?