मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
पर तुझे खुश देखकर
ही मैं खुश हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
पर तेरे चेहरें की शिकन
देखकर मैं परेशाँ हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
तेरी मुस्कराहट से
मेरा दिल धड़कता है
तेरी उदासियों से
मेरा दिल तडपता है
तेरी एक नज़र के लिये
अपने सारे काम भूल जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
तेरी एक नज़र के लिये
मैं सुबह से शाम हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
सामने आती है
तो मैं अनजान हो जाता हुँ
ना देखूँ तुझे
तो मैं परेशान हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
ना देखूँ तुझे
तो ख़ुद में गुमनाम हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
कितना सोचता हुँ
क्या क्या सोचता हुँ
ये मोहब्बत भी अजीब है
फ़कत तेरे दीदार के लिये
मैं खुद से बेईमान हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
बताना तो चाहता हुँ तुझे
पर तेरे आगे बेज़ुबान हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
मैं नहीं जानता...
पर तुझे खुश देखकर
ही मैं खुश हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
पर तेरे चेहरें की शिकन
देखकर मैं परेशाँ हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
तेरी मुस्कराहट से
मेरा दिल धड़कता है
तेरी उदासियों से
मेरा दिल तडपता है
तेरी एक नज़र के लिये
अपने सारे काम भूल जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
तेरी एक नज़र के लिये
मैं सुबह से शाम हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
सामने आती है
तो मैं अनजान हो जाता हुँ
ना देखूँ तुझे
तो मैं परेशान हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
ना देखूँ तुझे
तो ख़ुद में गुमनाम हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
कितना सोचता हुँ
क्या क्या सोचता हुँ
ये मोहब्बत भी अजीब है
फ़कत तेरे दीदार के लिये
मैं खुद से बेईमान हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...
बताना तो चाहता हुँ तुझे
पर तेरे आगे बेज़ुबान हो जाता हुँ...
मोहब्बत क्या है
मैं नहीं जानता...