भूली यादों को जगा देते क्यूं हो
मेरे ज़ख्मों को हवा देते क्यूं हो
मेरे ख़्वाबों में आकर चले जाते हो
मेरी रातों को सज़ा देते क्यूं हो
तुम भी रोते हो मेरे लिए छुपकर
अपनी आंखों से बता देते क्यूं हो
याद है तुम्हें बस एक ग़लती मेरी
और बातों को भुला देते क्यूं हो
मेरे मरने की करके आरज़ू ,
मुझे जीने की दुआ देते क्यूं हो,,,
मेरे ज़ख्मों को हवा देते क्यूं हो
मेरे ख़्वाबों में आकर चले जाते हो
मेरी रातों को सज़ा देते क्यूं हो
तुम भी रोते हो मेरे लिए छुपकर
अपनी आंखों से बता देते क्यूं हो
याद है तुम्हें बस एक ग़लती मेरी
और बातों को भुला देते क्यूं हो
मेरे मरने की करके आरज़ू ,
मुझे जीने की दुआ देते क्यूं हो,,,