#प्रेम_को
पेपर नॅपकिन मत समझो
काम में लिया, कूड़ेदान में फेक दिया।
प्रेम को जेवर भी मत समझो
दिखाने को पहना, अलमारी के लॉकर में बंद कर दिया। आवश्यकता पडी तो, याद कर लिया नहीं तो दिमाग के किसी कोने में बंद कर दिया।
प्रेम को जूता भी मत समझो
कई दिन नहीं पहनो तो गंदा ही पड़े रहने दो पहनना हो तो पॉलिश लगा कर चमका दिया।
काम नहीं आये तो भी चमका कर रखो।।
प्रेम को सेफ्टी पिन जैसा भी मत समझो वैसे कद्र नहीं करो कपड़ा फट जाए तो ढूंढते रहो।
प्रेम को नाखून भी ना समझो
थोड़े खराब लगने लगें तो काट कर फेक दिया।।
प्रेम को गलिच्छ भी ना समझो
शक वहम घृणा का लेप लगाकर उसमें गंदगी देखो।।
#__प्रेम_को
ईश्वर का प्रसाद समझो
आपके जीवन में है तो उसे ईश्वरीय वरदान समझो।
हीरे की कीमती अंगूठी समझो
गंदी हो जाए तो साफ़ कर के फ़ौरन पहन लो।
दैवीय शक्ति सा अमृत समझो,
कडवाहट से गंदे होने लगे तुरंत साफ़ करो।
अपने बालों सा नर्म मुलायम समझो
बार बार संवारते रहो।
खुद के चेहरा सा पाक साफ़ समझो
चांद सा खूबसूरत बना कर रखो।
खुद के दिल को मंदिर सा पवित्र समझो
धड़कनों को प्रेम की इबादत समझो।
प्रेम को प्रीति का साज सिंगार समझो
प्रेम की धून पर प्रीति का जाप समझो।
अठखेलियां करती शब्दों की माला समझो
हर शब्द में प्रीति सा प्रेम देखो।
प्रेम से मजबूत गठबंधन के लिए
मजबूती का क्रीम, विश्वास का पाऊडर लगाओ।
अच्छे व्यवहार से उनका मेकअप करो,
प्रीति को निस्वार्थ भाव से अंतरमन से
और सुन्दर बनाओ।
पेपर नॅपकिन मत समझो
काम में लिया, कूड़ेदान में फेक दिया।
प्रेम को जेवर भी मत समझो
दिखाने को पहना, अलमारी के लॉकर में बंद कर दिया। आवश्यकता पडी तो, याद कर लिया नहीं तो दिमाग के किसी कोने में बंद कर दिया।
प्रेम को जूता भी मत समझो
कई दिन नहीं पहनो तो गंदा ही पड़े रहने दो पहनना हो तो पॉलिश लगा कर चमका दिया।
काम नहीं आये तो भी चमका कर रखो।।
प्रेम को सेफ्टी पिन जैसा भी मत समझो वैसे कद्र नहीं करो कपड़ा फट जाए तो ढूंढते रहो।
प्रेम को नाखून भी ना समझो
थोड़े खराब लगने लगें तो काट कर फेक दिया।।
प्रेम को गलिच्छ भी ना समझो
शक वहम घृणा का लेप लगाकर उसमें गंदगी देखो।।
#__प्रेम_को
ईश्वर का प्रसाद समझो
आपके जीवन में है तो उसे ईश्वरीय वरदान समझो।
हीरे की कीमती अंगूठी समझो
गंदी हो जाए तो साफ़ कर के फ़ौरन पहन लो।
दैवीय शक्ति सा अमृत समझो,
कडवाहट से गंदे होने लगे तुरंत साफ़ करो।
अपने बालों सा नर्म मुलायम समझो
बार बार संवारते रहो।
खुद के चेहरा सा पाक साफ़ समझो
चांद सा खूबसूरत बना कर रखो।
खुद के दिल को मंदिर सा पवित्र समझो
धड़कनों को प्रेम की इबादत समझो।
प्रेम को प्रीति का साज सिंगार समझो
प्रेम की धून पर प्रीति का जाप समझो।
अठखेलियां करती शब्दों की माला समझो
हर शब्द में प्रीति सा प्रेम देखो।
प्रेम से मजबूत गठबंधन के लिए
मजबूती का क्रीम, विश्वास का पाऊडर लगाओ।
अच्छे व्यवहार से उनका मेकअप करो,
प्रीति को निस्वार्थ भाव से अंतरमन से
और सुन्दर बनाओ।