Siddhantrt
Epic Legend
प्रेम में उसने ज़्यादा कुछ नहीं किया
किसी बारिश वाली सुबह को पत्नी के लिए चाय बना दिया,
किसी रात जब दर्द से वो अपने पैर उमेठ रही थी
तो अंधेरे में उसके पैरों को दबा
‘क्या कर रहे हैं, मुझे पाप लगेगा’ पत्नी के कहने के बावजूद,
किसी दिन चुपचाप जा कर
पत्नी के बलिस्ता के नीचे
मोगरे की कलियाँ रख आया,
I love you कभी नहीं कह पाया वो पुरुष पत्नी से,
बस गर्मी की रातों में रोटी बना,
जब वो रसोई से निकली,
अपने गमछे से उसका पसीना पोंछ,
होठों से फूंक कर उसके माथे को,
सुखाने की कोशिश में जुटा रहा बस!
किसी बारिश वाली सुबह को पत्नी के लिए चाय बना दिया,
किसी रात जब दर्द से वो अपने पैर उमेठ रही थी
तो अंधेरे में उसके पैरों को दबा
‘क्या कर रहे हैं, मुझे पाप लगेगा’ पत्नी के कहने के बावजूद,
किसी दिन चुपचाप जा कर
पत्नी के बलिस्ता के नीचे
मोगरे की कलियाँ रख आया,
I love you कभी नहीं कह पाया वो पुरुष पत्नी से,
बस गर्मी की रातों में रोटी बना,
जब वो रसोई से निकली,
अपने गमछे से उसका पसीना पोंछ,
होठों से फूंक कर उसके माथे को,
सुखाने की कोशिश में जुटा रहा बस!