पुरानी लाइब्रेरी की गहराइयों में, जहाँ पुराने पन्नों और स्याही की खुशबू हवा में घुली हुई थी, अभिमन्यु ने दृश्या का हाथ थामा, उसका स्पर्श मजबूती और कोमलता का अद्भुत मेल था। धुंधली रोशनी ऊँचे खिड़कियों से छनकर आ रही थी, और किताबों की कतारें उनकी मुलाकात की गवाह बनी खड़ी थीं।
वह उसे एक कोने में ले गया, जहाँ समय के साथ भुला दिए गए किस्सों की अलमारियों के बीच एक अकेली मेज़ थी। बिना एक शब्द कहे, उसने उसे मेज़ के सामने खड़ा कर दिया, उनके शरीर इतने करीब थे लेकिन फिर भी एक-दूसरे की ओर नहीं। हवा में एक अदृश्य खिंचाव था, जैसे कोई शांत तूफान आने को था।
अभिमन्यु ने धीरे से उसके बालों को छुआ, उसकी उंगलियाँ उसकी लटों से गुजरते हुए उसकी गर्दन के कोमल हिस्से को उजागर कर रही थीं। वक्त जैसे थम गया था, जब वह उसके करीब झुका, उसकी साँसों की गर्मी उसकी त्वचा पर महसूस हो रही थी। उसके बालों की हल्की खुशबू अभिमन्यु को मदहोश कर रही थी।
अपने आप को रोक नहीं पाया, उसने हल्के से उसकी गर्दन पर एक नरम चुंबन दिया, जिससे एक हल्की सिहरन उसके शरीर में दौड़ गई। दृश्या की साँसें थम सी गईं, और उसी पल उसने उसकी ओर मुड़कर उसकी आँखों में देखा, जहाँ अनकहे जज्बातों की लहरें उठ रही थीं।
उनके होंठ आपस में मिले, एक चुंबन जो नाजुक और गहरा था, जैसे उसमें प्रेम और तड़प एक साथ घुल रहे हों। उनके चारों ओर की दुनिया जैसे धुंधली हो गई, और बस वही पल, वही जुड़ाव मायने रखने लगा। हर गुज़रते पल के साथ उनका चुंबन और गहरा होता गया, जैसे वह एक-दूसरे का स्वाद चखने में मग्न थे, और वह जुड़ाव ऐसा था जो समय या शब्दों से कभी भी नहीं टूट सकता था।
उनके होंठ अलग हुए, लेकिन फिर से एक और जुनूनी चुंबन में मिल गए। उनकी रोमांटिक तड़प ने उन्हें पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया था। लाइब्रेरी, जो कभी शांत और अकेली जगह थी, अब उनके प्यार के मौन वादे से गूंजने लगी, जो उन्हें बिना साँसों के, और भी ज्यादा पाने की इच्छा से भर रही थी।
Dr Dear
वह उसे एक कोने में ले गया, जहाँ समय के साथ भुला दिए गए किस्सों की अलमारियों के बीच एक अकेली मेज़ थी। बिना एक शब्द कहे, उसने उसे मेज़ के सामने खड़ा कर दिया, उनके शरीर इतने करीब थे लेकिन फिर भी एक-दूसरे की ओर नहीं। हवा में एक अदृश्य खिंचाव था, जैसे कोई शांत तूफान आने को था।
अभिमन्यु ने धीरे से उसके बालों को छुआ, उसकी उंगलियाँ उसकी लटों से गुजरते हुए उसकी गर्दन के कोमल हिस्से को उजागर कर रही थीं। वक्त जैसे थम गया था, जब वह उसके करीब झुका, उसकी साँसों की गर्मी उसकी त्वचा पर महसूस हो रही थी। उसके बालों की हल्की खुशबू अभिमन्यु को मदहोश कर रही थी।
अपने आप को रोक नहीं पाया, उसने हल्के से उसकी गर्दन पर एक नरम चुंबन दिया, जिससे एक हल्की सिहरन उसके शरीर में दौड़ गई। दृश्या की साँसें थम सी गईं, और उसी पल उसने उसकी ओर मुड़कर उसकी आँखों में देखा, जहाँ अनकहे जज्बातों की लहरें उठ रही थीं।
उनके होंठ आपस में मिले, एक चुंबन जो नाजुक और गहरा था, जैसे उसमें प्रेम और तड़प एक साथ घुल रहे हों। उनके चारों ओर की दुनिया जैसे धुंधली हो गई, और बस वही पल, वही जुड़ाव मायने रखने लगा। हर गुज़रते पल के साथ उनका चुंबन और गहरा होता गया, जैसे वह एक-दूसरे का स्वाद चखने में मग्न थे, और वह जुड़ाव ऐसा था जो समय या शब्दों से कभी भी नहीं टूट सकता था।
उनके होंठ अलग हुए, लेकिन फिर से एक और जुनूनी चुंबन में मिल गए। उनकी रोमांटिक तड़प ने उन्हें पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया था। लाइब्रेरी, जो कभी शांत और अकेली जगह थी, अब उनके प्यार के मौन वादे से गूंजने लगी, जो उन्हें बिना साँसों के, और भी ज्यादा पाने की इच्छा से भर रही थी।
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