नफरत के लिए समय ही कहां दोस्तनफरत करोगे तो अधूरा किस्सा हूं मैं,
अगर मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूं मैं।
Bahut khubनफरत करोगे तो अधूरा किस्सा हूं मैं,
अगर मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूं मैं।
वक्त रहते प्यार को समय देना सिखोनफरत के लिए समय ही कहां दोस्त
प्यार करने के लिए भी समय कम है।
गम की बारिश ने भी तेरे नक्श को धोया नहींBahut khub
Nafrat se pare he ham
Pyar se dare dare se he ham
Na hisso me he na kisso me he ham
Ham to bas apni lakiro me he ham
जरूर।वक्त रहते प्यार को समय देना सिखो
वरना पछताओगे जब खामोशी
के सिवा कुछ हाथ नहीं आएगा दोस्त,,,
जरूर।
हम हमेशा याद रखेंगे इस बात को।
ज़रूर दोस्त
Bohot khub...तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी,
अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा….....!!!
Na Kabhi paane ki chahat thi na khone kiगम की बारिश ने भी तेरे नक्श को धोया नहीं
तूने मुझको खो दिया, मैंने तुझे खोया नहीं
नींद का हल्का गुलाबी सा खुमार आंखों में था
यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं
जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी 'krishti'
गम से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं
उस शख़्स के ग़म का कोई अंदाज़ा लगाए,Na Kabhi paane ki chahat thi na khone ki
Me to khud me thi na chaht thi kisi ki hone ki
Patthar sa to hogaya he wo e-galib
Tabi to use sunai nai deti aawaje rone ki
Najar andaje BHI Kamal Karti heउस शख़्स के ग़म का कोई अंदाज़ा लगाए,
जिसको कभी रोते हुए देखा न किसी ने।
आंखों के सवाल में ज़िंदा, मैं भी हूं और तू भी हैNajar andaje BHI Kamal Karti he
Jan Bude aakho me chupa ke rakha hai
Wahi Budhe in aakho se sawal Karti hai
WA WA WA Kya baat heआंखों के सवाल में ज़िंदा, मैं भी हूं और तू भी है
अपने फक्कड़ हाल में ज़िंदा, मैं भी हूं और तू भी है।
उड़ने को निकले थे घर से, सारी दुनिया छूने को
पत्थर खा जो गिरा परिंदा, मैं भी हूं और तू भी है।
सारी कसमें, सारे वादे, वक्त के आगे चूर हुए
नज़रों में खुद की शर्मिन्दा, मैं भी हूं और तू भी है।
जिन राहों से होकर गुज़री, डोली मस्त बहारों की
उन राहों का इक कारिंदा , मैं भी हूं और तू भी है।
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ सेनफरत करोगे तो अधूरा किस्सा हूं मैं,
अगर मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूं मैं।
दिल का ये हाल कि धड़के ही चला जाता हैलोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
Isliye ham palke uthane nai hainलोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से