हमने जिसे चाहा, उसे टूट कर चाहा।दिल में जो है, वो सब सच बता देता हूं,
किस्मत खराब इतनी, जिसको चाहता हूं उसी को गंवा देता हूं!
हमें किसी ने इस तरह,चाहा क्यूँ नहीं।
हमने जिसे चाहा, उसे टूट कर चाहा।दिल में जो है, वो सब सच बता देता हूं,
किस्मत खराब इतनी, जिसको चाहता हूं उसी को गंवा देता हूं!
सावन में सारा चमन,गुलजार हो गया।दीदार तेरा किया हमने, आज गैरों की कतार से,
न नज़र-ए-इनायत हुई, न रूह को सुकून मिला
हर किसी को हर किसी की जरूरत हैहम किसी की जरुरत हो सकते है आदत भी हो सकते है,
लेकिन हकीकत में हम किसी के लिए जरुरत नहीं होते!
इक उम्र गंवा दी, तेरे दीदार की खातिर...लाज़मी नही कि
आँखो से ही देखूँ
तुझे सोचना
तेरे दीदार से कम तो नही..
सावन में सारा चमन,गुलजार हो गया।
हमारे आँगन में कोई गुल,खिला क्यूँ नहीं।।
हर किसी को हर किसी की जरूरत है
बनानेवाला ख़ुदा भी हमारा मोहताज है
होने को तो हो सकता है कुछ भी
लेकिन शायद की भी कहीं ना कहीं गुंजाइश है
Thank uBahut khub
Ati sundar, continue
Oye hoye bahut khoob
मुस्कुराओ बहार के दिन हैंसावन में सारा चमन,गुलजार हो गया।
हमारे आँगन में कोई गुल,खिला क्यूँ नहीं।।
बहुत खूब भाई
आँसू हो या दरियाइक उम्र गंवा दी, तेरे दीदार की खातिर...
तू सामने होकर भी, नज़र क्यूं नहीं आता...
आँसू हो या दरिया
जमी नज़र नहीं आती
कुछ नज़र नहीं आता
गर तू नज़र नहीं आती
वो जो मुमकिन न हो मुमकिन ये बना देता है,बदन से हो के गुज़रा रूह से रिश्ता बना डाला
किसी की प्यास ने आखि़र मुझे दरिया बना डाला
मेरे दामन को वुसअत दी है तूने दश्त-ओ-दरिया कीवो जो मुमकिन न हो मुमकिन ये बना देता है,
ख़्वाब दरिया के किनारों को मिला देता है !!
Niceदीदार तेरा किया हमने, आज गैरों की कतार से,
न नज़र-ए-इनायत हुई, न रूह को सुकून मिला
Thank uNice