कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैजमाना वो भी था जब तुम खास थे,
जमाना ये भी है के तेरा जिक्र तक नहीं!
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैजमाना वो भी था जब तुम खास थे,
जमाना ये भी है के तेरा जिक्र तक नहीं!
जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई हैबस यही दो मसले जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए!
परवाह हमेशा ही रही आपकी दोस्तदौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए
आप कैसे हो?परवाह हमेशा ही रही आपकी दोस्त
जानता सब था तो थोड़ा समय दिया
अब बहुत वक्त हो गया समय दिए
अब कह भी दो की "कैसे हो?"....
जिसे अपना खुद मान बैठे हो
उसके सजदा में झुकने में कैसी शर्म।
बदलने की फितरत तो हमारी भी कभी ना रही
उसे कहा गर बदल गए, कुछ तो देखकर कहा होगा।
जब नींद भी वो और ख्वाब भी वो है
तो उसके बिन मुकम्मल हो भी तो कैसे।
तुम अलग थे!
सबसे अलग थे!
ऐसा इसलिए नहीं कह रही
कि हमारे बीच अब बातें नहीं होती
ऐसा इसलिए है क्योंकि
तुम मुझे पसंद थे!
Thank you
Sukriya
Wahh Bohot khub....थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब
मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
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Tum bhi to bohot acche shayaris likhte hoJaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho
Pake to ho phir BHI
kyu kache lagte ho
Aap ki likhawat ki
me wo dhaar hu
Aap ki Pyar se bune huye
ek ek moti ka haar hu
Aap kabhi suljhe to
kabhi uljhe lagte ho
Par jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho
Aap ki Anurag ka raag hu me
Aap pehle, uske baad hu me
Dooriya jitni BHI ho hamari
Phir BHI aap ki Saath hu me
Jab Hoti he nadaniya
Aap Bache lagte ho
Par jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho
Kadam badi kaha
Jo aap ki bin chalu me
Aise kaise yu
Aage badhu me
Shayar ho to likhdo
Thoda aap ko BHI
Padhu me
Kabhi daude to
Kabhi kyu thake lagte ho
Par jaise BHI ho aap
Mujhe ache lagte ho
Thank youTum bhi to bohot acche shayaris likhte ho
Bahut khub,मैं राग हूँ
गा सको तो गा लो
नहीं तो गुनगुना लो।
मैं ही अनुराग हूँ
बसा सको तो दिल में बसा लो
नहीं तो अपने रूह में समा लो।
मैं थोड़ा जिद्दी तो थोड़ा समझदार हूँ
थोड़ा अकडू तो थोड़ा लापरवाह हूँ
समझा सको तो समझा लो
नहीं तो मुझे अपना बना लो।
गुस्सैल भी हूँ मैं
लेकिन बचपना भी भरा है
दुलार करके बहला लो
नहीं तो प्यार करके मना लो।
थोड़ा आलसी हूँ तो
मेहनती भी हूँ मैं
मुझसे कोई भी काम करा लो
नहीं तो खुद को यूं ही मना लो।
जो कुछ भी हूँ मैं
दिल का सच्चा हूँ मैं
चाहो तो आजमा लो
नहीं तो कुछ वक्त बिता साथ खुद को समझा लो।
प्यार ही प्यार है मुझमें समाया हुआ
सबकी खुशियां ही चाहता हूँ
बहुत ही साधारण हूँ
दिखावे से दूर बस
अपना काम करता हूँ
और तुमसे बेशुमार मोहब्बत करता हूँ
ऐसा ही हूं मैं
चाहो तो अपना लो
नहीं तो गले से ही लगा लो।
बहुत संवेदनशील भी हूँ
तो बहुत सख्त भी हूँ मैं
चाहो तो रुला लो
नहीं तो फिर मुझे पिघला लो।
दिल का नेक हूँ
प्रयोग करता विवेक हूँ
कविताएं लिखना शौक
और तुम्हें लिखना प्यार
बस कुछ ऐसा ही हूँ मैं।
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बहुत खूबBahut khub,
सप्तारंगी सातो रंगगो से मिलती है
हर रंग दूसरे रंगके संग रहते ही खीलती है
एक रंग कम पढ़जाये तो फीका सा लगता है
आप के हर रंग नजाने क्यों मीठा सा लगता है
अक्षर अक्षर को मिला के शब्दो का हार बनाया है
उनही शब्दो से अपने प्यार को सजाया हैँ
मैं राग हूँ
गा सको तो गा लो
नहीं तो गुनगुना लो।
मैं ही अनुराग हूँ
बसा सको तो दिल में बसा लो
नहीं तो अपने रूह में समा लो।
मैं थोड़ा जिद्दी तो थोड़ा समझदार हूँ
थोड़ा अकडू तो थोड़ा लापरवाह हूँ
समझा सको तो समझा लो
नहीं तो मुझे अपना बना लो।
गुस्सैल भी हूँ मैं
लेकिन बचपना भी भरा है
दुलार करके बहला लो
नहीं तो प्यार करके मना लो।
थोड़ा आलसी हूँ तो
मेहनती भी हूँ मैं
मुझसे कोई भी काम करा लो
नहीं तो खुद को यूं ही मना लो।
जो कुछ भी हूँ मैं
दिल का सच्चा हूँ मैं
चाहो तो आजमा लो
नहीं तो कुछ वक्त बिता साथ खुद को समझा लो।
प्यार ही प्यार है मुझमें समाया हुआ
सबकी खुशियां ही चाहता हूँ
बहुत ही साधारण हूँ
दिखावे से दूर बस
अपना काम करता हूँ
और तुमसे बेशुमार मोहब्बत करता हूँ
ऐसा ही हूं मैं
चाहो तो अपना लो
नहीं तो गले से ही लगा लो।
बहुत संवेदनशील भी हूँ
तो बहुत सख्त भी हूँ मैं
चाहो तो रुला लो
नहीं तो फिर मुझे पिघला लो।
दिल का नेक हूँ
प्रयोग करता विवेक हूँ
कविताएं लिखना शौक
और तुम्हें लिखना प्यार
बस कुछ ऐसा ही हूँ मैं।
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सात रंग इंद्रधनुष केBahut khub,
सप्तारंगी सातो रंगगो से मिलती है
हर रंग दूसरे रंगके संग रहते ही खीलती है
एक रंग कम पढ़जाये तो फीका सा लगता है
आप के हर रंग नजाने क्यों मीठा सा लगता है
अक्षर अक्षर को मिला के शब्दो का हार बनाया है
उनही शब्दो से अपने प्यार को सजाया हैँ
इस राग की रागिनी तुमआप राग हो, तो, मैं उसकी धुन हूँ
उस अनुराग की मैं जूनून हूँ
जब भी होंगे आप बेचैन मैं
उस बेचैन की सकून हूँ
आप राग हैँ तो मैं उसकी धुन हूँ
Good Postथोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब
मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
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Thanks buddyGood Post