थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब
मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।
लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब
मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।