• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं

Rockzz ✨श्वेतराग✨

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
Chat Pro User
थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें
तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब

मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
FB_IMG_1718795215091.jpg
 
थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें
तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब

मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
View attachment 247095
Jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho
Pake to ho phir BHI
kyu kache lagte ho

Aap ki likhawat ki
me wo dhaar hu
Aap ki Pyar se bune huye
ek ek moti ka haar hu
Aap kabhi suljhe to
kabhi uljhe lagte ho
Par jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho

Aap ki Anurag ka raag hu me
Aap pehle, uske baad hu me
Dooriya jitni BHI ho hamari
Phir BHI aap ki Saath hu me
Jab Hoti he nadaniya
Aap Bache lagte ho
Par jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho

Kadam badi kaha
Jo aap ki bin chalu me
Aise kaise yu
Aage badhu me
Shayar ho to likhdo
Thoda aap ko BHI
Padhu me
Kabhi daude to
Kabhi kyu thake lagte ho
Par jaise BHI ho aap
Mujhe ache lagte ho
:relieved::relieved:
 
थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें
तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब

मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
View attachment 247095
किसी के आगे इतना मत झुको,
की लोग गिरा हुआ समझने लगे!
 
Jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho
Pake to ho phir BHI
kyu kache lagte ho

Aap ki likhawat ki
me wo dhaar hu
Aap ki Pyar se bune huye
ek ek moti ka haar hu
Aap kabhi suljhe to
kabhi uljhe lagte ho
Par jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho

Aap ki Anurag ka raag hu me
Aap pehle, uske baad hu me
Dooriya jitni BHI ho hamari
Phir BHI aap ki Saath hu me
Jab Hoti he nadaniya
Aap Bache lagte ho
Par jaise BHI ho aap
mujhe ache lagte ho

Kadam badi kaha
Jo aap ki bin chalu me
Aise kaise yu
Aage badhu me
Shayar ho to likhdo
Thoda aap ko BHI
Padhu me
Kabhi daude to
Kabhi kyu thake lagte ho
Par jaise BHI ho aap
Mujhe ache lagte ho
:relieved::relieved:
हमने तो अपनी ही बुराई की थी
आपने तो अच्छाइयों का तार लिख डाला
पका था टूट गया, अब कच्चे ही रहने दो
हम तो कहते हैं हमें बच्चे ही रहने दो।

आपको शब्दों के मोतियों में पिरोना तो
खुशकिस्मती है हमारी
आप जो हमें यूं ना मिलते ऐसे तो
ऐसे ही उम्र कट जाती सारी।

अनुराग रूपी संसार की आप राग हो
आप पीछे नहीं बल्कि साथ साथ हो
राहों की दूरी कितनी है मायने नहीं रखता
आप तो हमेशा मेरे दिल के पास हो।

खुद को क्या लिखूं मैं
इस मामले में हूं थोड़ा कंजूस
आप खुद ही पढ़ लेना हमें
खुद से ही कर लेना महसूस।

बिन आपके चलने का तो हमने भी नहीं सोचा है
यकीन मानिए साथ ही रहिएगा नहीं तो बड़ा लोचा है।
दौड़ना थकना तो चलता ही रहता है जीवन में

पर आप जो खुश है बस तो बहार हैं फिर चमन में।

Uff aaj to hm bhi thak gye reply bnane me :giggle: :map::Dream1:
Bde dino baad likh ke mza aa gya lekin
 
हमने तो अपनी ही बुराई की थी
आपने तो अच्छाइयों का तार लिख डाला
पका था टूट गया, अब कच्चे ही रहने दो
हम तो कहते हैं हमें बच्चे ही रहने दो।

आपको शब्दों के मोतियों में पिरोना तो
खुशकिस्मती है हमारी
आप जो हमें यूं ना मिलते ऐसे तो
ऐसे ही उम्र कट जाती सारी।

अनुराग रूपी संसार की आप राग हो
आप पीछे नहीं बल्कि साथ साथ हो
राहों की दूरी कितनी है मायने नहीं रखता
आप तो हमेशा मेरे दिल के पास हो।

खुद को क्या लिखूं मैं
इस मामले में हूं थोड़ा कंजूस
आप खुद ही पढ़ लेना हमें
खुद से ही कर लेना महसूस।

बिन आपके चलने का तो हमने भी नहीं सोचा है
यकीन मानिए साथ ही रहिएगा नहीं तो बड़ा लोचा है।
दौड़ना थकना तो चलता ही रहता है जीवन में

पर आप जो खुश है बस तो बहार हैं फिर चमन में।

Uff aaj to hm bhi thak gye reply bnane me :giggle: :map::Dream1:
Bde dino baad likh ke mza aa gya lekin
To good :Like:
 
किसी के आगे इतना मत झुको,
की लोग गिरा हुआ समझने लगे!
जिसे अपना खुद मान बैठे हो
उसके सजदा में झुकने में कैसी शर्म।
 
जमाना वो भी था जब तुम खास थे,
जमाना ये भी है के तेरा जिक्र तक नहीं!
उस खास पल को दोबारा ले आयेंगे
उसे एक बार क्या हर बार मनाएंगे।
 
Last edited:
बस यही दो मसले जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए!
जब नींद भी वो और ख्वाब भी वो है
तो उसके बिन मुकम्मल हो भी तो कैसे।
 
बदलना कौन चाहता है जनाब
लोग मज़बूर कर देते हैं बदलने को!
बदलने की फितरत तो हमारी भी कभी ना रही
उसे कहा गर बदल गए, कुछ तो देखकर कहा होगा।
 
थोड़ा गलत तो थोड़ा सही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं
मैं लिखावट हूं दिल की स्याही की
तुम्हारे दिल को जो भाए लिखता वही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

बेवकूफी वफादारी अदाकारी खूब है मुझमें
किसी के लिए जोकर, सिर्फ एक का महबूब है मुझमें
कोई नजरो मे रखता है कोई रौंदता है पैरों तले
मैं आशिक जात, फरेबी कोई कहता दिमाग की दही हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

दिल के बनने बिगड़ने का इक दौर है मुझमें
मैं जाहिल हूं, छुपा कोई शायर और है मुझमें
हां एक ठौर है मुझमें
तुम रुक जाओ
ये दुनिया अनुराग की, मिलता अक्सर यहीं हूं मैं
पर तुम जो सोचते हो वो नही हूं मैं ।

लेकिन जो सोचता हूं मैं तुम वही हो
मेरी जिस्म हो, जान हो, मेरी रूह हो
मेरी दिलरुबा, मेरी प्रेमिका, मेरा सबकुछ हो
दिल के बनने बिगड़ने का दौर खत्म हुआ अब

मेरे सपनो की दुनिया को जो जगमगा दे वो तुम हो।
View attachment 247095
सब कुछ याद है मुझे
पर अब ऐसा कुछ रहा नहीं
तुम बदल गए और हमेशा यही कहा
कि अब तुम पहले जैसी नहीं रही
 
बदलना कौन चाहता है जनाब
लोग मज़बूर कर देते हैं बदलने को!
तुम अलग थे!
सबसे अलग थे!
ऐसा इसलिए नहीं कह रही
कि हमारे बीच अब बातें नहीं होती
ऐसा इसलिए है क्योंकि
तुम मुझे पसंद थे!
 
उस खास पल को दोबारा ले आयेंगे
उसे एक बार क्या हर बार मनाएंगे।
हम समझदार भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़ लेते हैं
और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन कर लेते है
 
सब कुछ याद है मुझे
पर अब ऐसा कुछ रहा नहीं
तुम बदल गए और हमेशा यही कहा
कि अब तुम पहले जैसी नहीं रही
ऐसे जुल्म तो न ढाओ हमपे
हमारी मंशा ऐसी बिल्कुल न थी
तुम बदले हमने क्यों कहा

थोड़ा सा तो गौर फरमा लेते।
:giggle:
 
Top