तेरा दीदार करूं,
तेरा ही इन्तजार करूं
बस यही थी चाहतें....
बिन तेरे,
कभी इस दिल को न मिल सकी थी राहतें....
आज भी याद है...
हमारी पहली मुलाकात,
एक दुसरे को निहारते हुए
कही हुइ सारी बात...
उसका छेडना फिर मेरा शरमाना
यूं नजर झुकाके कुछ कहना..
हुई थी ऐसे ही हमारी मोहब्बत की शुरुआत....
चुपके से आना उसमे खो जाना
यूं खामोश होके एक दुसरे को निहारते रहना
आंखों ही आंखों से सब कुछ कहना ,
ऐसे ही चलने लगी थी हमारी प्यार की सांसें...
जब वो चला जाता था
तब आने का इन्तजार रहता था,
खामोश जुबां था पर कुछ न कहती थी...
बस उसके ख्यालों मे रहती थी...
कोई कुछ कह ना कहे....
डर के मिलना,
मिलके खिलना,
ये कोई खुदा के दुवाओं से कम ना था...
जब वो मिल जाए हमे किसी चीज का गम न था,
मेरे चेहेरे का चमक था वो
मेरी खुबसुरती का रौनक था वो,
वो था तो मैं थी
उस के बिन कुछ न थी।
लड़ती थी कि वो मनाए
अपना सा हक जताए और
थोडा मुझे भी सताए
ये धड़कन उसके नाम की थी...
ये नशा उसके प्यार के जाम की थी,
कभी न उतर सके ऐसा ही नशा
राधा और श्याम की थी।।
इस दर्दे-दिल की कौन से किस्से कि कौन सी कहानी सुनाएं
अब उसके दिल मे लगने लगी थी दुसरे शहर की हवाएं
मेरी सारी चाहतें मेरे ही आंखों के सामने मिटा रहा था
कई नये नये बहाने बनाके वो मुझसे अपनापन दिखा रहा था
मैं डूबी हुई थी उसके प्यार में
दुनिया की छोडाे दोस्तो मुझको ही मुझसे होने न दिया मेरे यार ने
अब वैसी चाहत न थी उसकी,,,
मुझसे ज्यादा किसी और के दिल मे राहत थी उसकी
अपने दिल के दर्द् का एहसास है मुझे
इसलिए उसकी वो चाहतें भी खास है मुझे
उसकी हर नजरअंदाजी को भी सह लिया था मैंने जाते जाते उसे खुश रहना, कह दिया था मैंने।।
अब न होगा कोई इन्तजार,
न होने दूंगी कभी उसके दिल की हार,
हमे गम मिले या खुशी पर
दुआ है वो मुस्कुराते रहे सदाबाहर।।
वो पल वो साथ
एक पल न भूलूंगी
करती हूं खुद से वादा
सदा खुश रहना
अब कह रही हूं अलविदा।।