Siddhantrt
Epic Legend
सुनों,
मुझे तुम हमेशा उतनी ही पसंद रहोगी जितनी के आज हो। हमेशा,
जब तुम्हारे बाल पकने शुरू होंगे और झुर्रियां गालों को घेर लेंगी तब भी,
हाँ तब भी जब तुम्हारे दांत टूटने लगेंगे और बिना चश्मे के तुम कुछ भी (सिवाय मेरे) पहचान नही पाओगी!,
जब तुम सोचोगी के अब तुम और मोटी हो गयी हो तब भी...
जब तुम खाने के बाद जोर से डकार मरोगी और फिर मुझे देख जोर से ठहाके मरोगी तब भी,
जब बिन काजल के मुझे देख इतराओगी तब भी,
जब तुम कहोगी के अब तुम्हारी लेखनी में वो बात नही तब भी
और जब तुम मेरी किताब में अपने किस्से पढ़ के खिलखिलाओगी तब भी...
तुमसे प्यार है जानां, तुम्हारी आवाज से, तुम्हारा मेरी बाँहों में सिमटने सेे, मेरी उंगलियों में तुम्हारी उँगलियों को उलझाने से, मेरे होंठो को चूमने से..
और तुम्हारे प्रेम करने के हर अंदाज़ से।
तुम्हारी हर अदा से, हर खता से और तुमसे...
मुझे तुम हमेशा उतनी ही पसंद रहोगी जितनी के आज हो। हमेशा,
जब तुम्हारे बाल पकने शुरू होंगे और झुर्रियां गालों को घेर लेंगी तब भी,
हाँ तब भी जब तुम्हारे दांत टूटने लगेंगे और बिना चश्मे के तुम कुछ भी (सिवाय मेरे) पहचान नही पाओगी!,
जब तुम सोचोगी के अब तुम और मोटी हो गयी हो तब भी...
जब तुम खाने के बाद जोर से डकार मरोगी और फिर मुझे देख जोर से ठहाके मरोगी तब भी,
जब बिन काजल के मुझे देख इतराओगी तब भी,
जब तुम कहोगी के अब तुम्हारी लेखनी में वो बात नही तब भी
और जब तुम मेरी किताब में अपने किस्से पढ़ के खिलखिलाओगी तब भी...
तुमसे प्यार है जानां, तुम्हारी आवाज से, तुम्हारा मेरी बाँहों में सिमटने सेे, मेरी उंगलियों में तुम्हारी उँगलियों को उलझाने से, मेरे होंठो को चूमने से..
और तुम्हारे प्रेम करने के हर अंदाज़ से।
तुम्हारी हर अदा से, हर खता से और तुमसे...