जरूरी तो ये भी नहीं कीहर इक रिश्ते का कोई नाम हो ज़रूरी तो नहीं
दवा के बाद लाजमन आराम हो ज़रूरी तो नहीं
रिश्ता हो और बेनाम हो
दवाओं से नहीं तो क्या
हम दुआ करेंगे की आराम हो।
जरूरी तो ये भी नहीं कीहर इक रिश्ते का कोई नाम हो ज़रूरी तो नहीं
दवा के बाद लाजमन आराम हो ज़रूरी तो नहीं
वजहें तो और भी हो सकती हैं बहकने कीजरूरी तो ये भी नहीं की
रिश्ता हो और बेनाम हो
दवाओं से नहीं तो क्या
हम दुआ करेंगे की आराम हो।
याद न दिलाओ शराब की हमें दोस्तवजहें तो और भी हो सकती हैं बहकने की
फकत शराब ही बदनाम हो ज़रूरी तो नहीं।
कभी हालात भी बन सकते हैं नफरत का सबबयाद न दिलाओ शराब की हमें दोस्त
मयकदे की चौखट से अभी लौटे हैं,
बहकना होगा भी हमें तो
उनके जुल्फों की छांव ही काफी है।
हमें भी इल्म है इस बात काकभी हालात भी बन सकते हैं नफरत का सबब
यहां सनम पे ही इल्ज़ाम हो ज़रूरी तो नहीं।
दिल है रोने का तो तो लीजिए झिझक कैसीहमें भी इल्म है इस बात का
सनम पे इल्जाम कौन देता है
वो तो बस जरिया ढूंढता है
तकरार ही सही बात तो हो।
रोने का दिल करे और रो लेंदिल है रोने का तो तो लीजिए झिझक कैसी
कैफियत एक सी हर