एक मुलाकात चाहिये बस
मुझे मेरे बालों पर फिरते हुए
तुम्हारे हाथ चाहिए बस
मेरे गालों को चूमती तुम्हारी मीठी सी तीखी वाली मुस्कान चाहिए बस
झूठा ही सही दोस्ती के नाम वाला
जरा सा प्यार चाहिए बस
हा
किसी रोज गुनगुनाते हुए गहरी रात में सितारों के परे
ओजरिया चांद को तकते हुए
छोटी सी हसीन रात चाहिए बस
हा
छोटा सा एहसास चाहिए बस
कि
तुम हो तो फिकर क्या
किनारे तक पहुंचे या नहीं
कि
तुम हो तो फिकर क्या
फिर सांसों को राहत मिले या नहीं
कि
तुम हो तो फिकर क्या
अंधेर को उजाले की उम्मीद रहे या नहीं
कि
तुम हो तो सब सही लगे
तुम नहीं तो हर जगह कमी लगे
अब ख्यालों में भी तुम कहां पूरी आती हो आजकल
जन्नत से उतर के फिर वही चली जाती हो आजकल
कब तक , कब तक
राहों को राहें दिखाओ तुम्हारे बिना
आखिर कब तक
होंटो पे छुपाता रहूं तुम्हारे मेरे सांसों के एकदम करीब होने के सारे जज्बात
हा
टिमटिमाते तुम्हारी आंखों की पलकों पर
मेरे नाम का छोटा सा ख्याल चाहिए बस
कुछ ज्यादा नहीं चाहिए
छोटी मोटी बहकी बातों के साथ
मीठे से चाय के प्याले के साथ हंसते हुए
बस कुछ दिन - रात चाहिए बस
हा
मेरे सिर पर फिरते हुए तुम्हारे हाथ चाहिए बस
एक छोटी सी प्यारी सी मुलाकात चाहिए...
और आपको क्या चाहिए बताइए बताइए ।।
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