Amazingजो तन्हा मै बैठा सबको रोया सा लगता हूं
भीड़ में भी मै खोया खोया सा लगता हूं
जज़्बात बोहोत है बहाने को अंदर मेरे
दर्द के समंदर में मै मुंह धोया सा लगता हूं
खुद को महफूज़ रखना भी ना गवारा हो चला सबको
ज़रा सिमट गया जो खुदमे कुंदन के ज़ोया सा लगता हूं
दर्द-ए-मुबारकबाद देने को तैयार है सब
बबूल के कांटे सी सीरत उससे ही बोया सा लगता हूं
हां सच तो है की खबर सिर्फ ख़ैरियत की है सबको
खामोश सा बैठा तो सबको कम सोया सा लगता हूं
(कुंदन के ज़ोया - Refrence to movie Ranjhana
दर्द-ए-मुबारकबाद - congratulations on the pain
सीरत - nature
ख़ैरियत - Well being)