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क्यूँ रहती

Somaiya Karn

Quodophile of ZoZo
Staff member
Moderator
Senior's
Posting Freak
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई


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क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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Q k hum bewakoof hai :Drunk: :rofl1:




Good work somu....
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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Wow :heart1:
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई


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Kyunki yahi pyar hai!
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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Nice
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



View attachment 155405क्यू कि हम ठहरे सीधे साधे दुनिया के फेर से बहुत दूर। इसलिए तुम्हारी यादें ले आती अपने आप से इतनी दूर।।
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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शब्द नही मिल रहे इन लाइनों की तारीफ के लिए।
कई बार कुछ लाइनों को देखकर महसूस बस किया जा सकता।
इन शब्दों को दिल देखता है पढ़ता है और बस मुरझा कर तड़प कर देखते रह जाता है जैसे कोई मलाल रह गई हो।।
 
मुझे किसी से मोहब्बत नहीं सिवा तेरे,
मुझे किसी की जरुरत नहीं सिवा तेरे !
मेरी नजर को थी तलाश जिसकी बरसो से,
किसी के पास वो सूरत नहीं सिवा तेरे !
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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क्यू रहती है फिज़ाओ मे खुशबु तेरी
क्यू बसते है तेरे ख्वाब इन आँखों मे
क्यूं धड़कता है ये दिल आज भी तेरे नाम पे
क्यों खडा हू आज भी उस मोड पे तेरे इंतज़ार मे
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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Awesome .:cool:

1692633877681.png265.jpg
 
क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई



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So sweet and beautiful
 
तेरी फ़िक्र क्यों न करूँ मैं,
तुझसे प्यार जो करता हु,
तू करे या न करे मुझसे प्यार,
मै तो सिर्फ तुझपे ही मरता हु।❣️
 
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