क्यूँ रहती
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई
क्यूं रहती है तेरी फिक्र
क्यूं होता है तेरा ज़िक्र
क्यूं जाते है तेरे घर की तरफ कदम
क्यूं लगता नही कहीं मन
क्यूं देखकर तुझको करार आये
क्यूं रातों को तेरा ख्वाब आये
क्यूं तन्हाई भाने लगी
क्यूं तेरी खामोशियां सताने लगी
क्यूं मोहब्बत तूने नहीं निभाई
क्यूं दे गया तू जुदाई
क्यूं दोस्त कहते है मैं बदल गया
क्यूं प्यार में तेरे पड़ गया
क्यूं आज बात तेरी उठाई गई
क्यूं तेरी गजल मुझे सुनाई गई
क्यूं याद तेरी दिलाई गई
क्यों फिर से मेरी बैचेनी बढ़ाई गई