Kya pta mil bhi Jaye..Zozo me melegi koi melne wali
Kismat ka koi bharosa nhi hai..
Kya pta mil bhi Jaye..Zozo me melegi koi melne wali
Ye to चुफन छुपाई ki khel ki tarah hi lg rha hai ekdum mujeRona nahe hasna hai jindegi ki sathe bhe jindegi ki baad bhe
Subhan Allah dosto socha dost ohe bolte hai Aap ko bhe koi mil jai e duya hai mere dil seKya pta mil bhi Jaye..
Kismat ka koi bharosa nhi hai..
Aaj dukh hai to kal Khushi bhi milegi...Usi ka to rona h
Ye jinhone love wala imogi bheja h , bhai Inka lamba katne ka aasar najar aa rhe h mujeKya pta mil bhi Jaye..
Kismat ka koi bharosa nhi hai..
Eha to ohe hota hai chup chup keYe to चुफन छुपाई ki khel ki tarah hi lg rha hai ekdum muje
Bache khush hai por duskh koi de gayeAaj dukh hai to kal Khushi bhi milegi...
धैर्य rakho bachcha
Ye to Aisa hua Bacho Ka Ball Koi Chura le gyaBache khush hai por duskh koi de gaye
Churake legaya goriya koiYe to Aisa hua Bacho Ka Ball Koi Chura le gya
Hole hole hua pyaar ye song gaate hueChurake legaya goriya koi
E pyar kobhi kom na hoiHole hole hua pyaar ye song gaate hue
Shanam re shanam reJahan hum hoi wahaan Sanam bhi hoi
Kasam de kasam deShanam re shanam re
Bahut khubकितना अच्छा हो
जो मैं उसका तकिया
बन जाऊँ
उसकी हर साँस
को महसूस कर पाऊँ
उसकी हंसी सुन पाऊँ
उसके अश्को को
समा लूँ खुद मैं
कभी उसकी बाहो में
महफूज हो जाऊं
कभी उसके होंठो की
नरमी को महसूस कर पाऊँ
कितना अच्छा हो…
कितना अच्छा हो
जो मैं हवा बन जाऊँ
जब भी मन करे
उसे अपनी गिरफ्त में
ले कर कस लूँ
जो कभी वो कांप जाए
उसे अपनी गर्माहट का
एहसास करा पाऊँ
जो कभी वो बेचैन
हो जाए
उसे अपनी
शीतलता दूँ
कितना अच्छा हो…
कितना अच्छा हो
जो मैं एक दरख्त
हो जाऊं
मुझ पर बांधे
वो अपनी मन्नतो
का लाल धागा
कर ले आलिंगन मेरा
और मिल जाए मुझमे
जो हो जाए पूरी
उसकी हर आस
फिर आए वो
उस लाल धागे को
अपनी उंगलियों से खोलने
कितना अच्छा हो..
कितना अच्छा हो
जो मैं एक मूरत बन जाऊँ
मुझमे ढूंढे वो अपने
इष्ट को
हर बार मेरे सजदे
में झुक जाए
रोज निहारे वो मुझे
रोज सँवारे मुझे
दूध ,दही रोज
मुझको भोग लगाएं
मेरी आँखों मे ढूंढे वो
अपने सारे जवाब
कितना अच्छा हो मैं
कृष्ण हो जाऊं
कितना अच्छा हो
वो मेरी बाँसुरी हो जाए ।
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ThanksB
Bahut khub
कितना अच्छा हो
जो मैं उसका तकिया
बन जाऊँ
उसकी हर साँस
को महसूस कर पाऊँ
उसकी हंसी सुन पाऊँ
उसके अश्को को
समा लूँ खुद मैं
कभी उसकी बाहो में
महफूज हो जाऊं
कभी उसके होंठो की
नरमी को महसूस कर पाऊँ
कितना अच्छा हो…
कितना अच्छा हो
जो मैं हवा बन जाऊँ
जब भी मन करे
उसे अपनी गिरफ्त में
ले कर कस लूँ
जो कभी वो कांप जाए
उसे अपनी गर्माहट का
एहसास करा पाऊँ
जो कभी वो बेचैन
हो जाए
उसे अपनी
शीतलता दूँ
कितना अच्छा हो…
कितना अच्छा हो
जो मैं एक दरख्त
हो जाऊं
मुझ पर बांधे
वो अपनी मन्नतो
का लाल धागा
कर ले आलिंगन मेरा
और मिल जाए मुझमे
जो हो जाए पूरी
उसकी हर आस
फिर आए वो
उस लाल धागे को
अपनी उंगलियों से खोलने
कितना अच्छा हो..
कितना अच्छा हो
जो मैं एक मूरत बन जाऊँ
मुझमे ढूंढे वो अपने
इष्ट को
हर बार मेरे सजदे
में झुक जाए
रोज निहारे वो मुझे
रोज सँवारे मुझे
दूध ,दही रोज
मुझको भोग लगाएं
मेरी आँखों मे ढूंढे वो
अपने सारे जवाब
कितना अच्छा हो मैं
कृष्ण हो जाऊं
कितना अच्छा हो
वो मेरी बाँसुरी हो जाए ।
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Behtarinkitna acha hoga tuje mai mannat mai mangu wo meri mannat khuda pura krke tuje meri kishmat mai likh de..
kitna acha hoga agar roj tumhare didaar iss naino ko ho...
kitna acha or suhana hoga wo khwaab jo ham dono milke pura krenge