कविताएं इसलिए नहीं लिखी जातीं कि
उन्हें जिया जाए,
या उन हसीन भावभीने क्षणों को _
जो उकेरे जाते हैं _
हृदय की स्याही द्वारा उन्हें
पुस्तकों की पोटली में बांध
कर रख दिया जाए...
अतीत के, में बह जाने वाले पलों के संग !
बल्कि!
जो जिया जाता है ,
जो महसूस किया जाता है ,
उसे लेखनी का रूप दे कविताओं और भावों में
कोरे पृष्ठ पर उतारा जाता है...
ये उतने हीं पवित्र हैं
जितने कि शक्ति के माथे पर लगा वीरज,
या _ शिव की प्रतिमा पर चढ़े पुष्प !
गुजरते वक्त के साथ आने वाले भविष्य में,
कुछ यादें परत दर परत खुलेंगी
जो ये एहसास कराएंगी, कि
जीवन के इस रण पथ में
हृदय के सबसे गहरे परत पर
स्थापित भाव आज भी उतने हीं पवित्र हैं
जितनी कि कल हुआ करती थी..
हां!
परिस्थितियां बदलेंगी, सबकुछ बदलेगा
जीवन का हर स्वरूप, हर प्रारूप बदल जाएगा
मगर स्थाई रहेंगी तो...
प्रेम के चौखट पर पनपे हृदय के भाव...
जो सदा अतुलनीय रहेंगे...
सदा पूजनीय रहेंगे...
उन्हें जिया जाए,
या उन हसीन भावभीने क्षणों को _
जो उकेरे जाते हैं _
हृदय की स्याही द्वारा उन्हें
पुस्तकों की पोटली में बांध
कर रख दिया जाए...
अतीत के, में बह जाने वाले पलों के संग !
बल्कि!
जो जिया जाता है ,
जो महसूस किया जाता है ,
उसे लेखनी का रूप दे कविताओं और भावों में
कोरे पृष्ठ पर उतारा जाता है...
ये उतने हीं पवित्र हैं
जितने कि शक्ति के माथे पर लगा वीरज,
या _ शिव की प्रतिमा पर चढ़े पुष्प !
गुजरते वक्त के साथ आने वाले भविष्य में,
कुछ यादें परत दर परत खुलेंगी
जो ये एहसास कराएंगी, कि
जीवन के इस रण पथ में
हृदय के सबसे गहरे परत पर
स्थापित भाव आज भी उतने हीं पवित्र हैं
जितनी कि कल हुआ करती थी..
हां!
परिस्थितियां बदलेंगी, सबकुछ बदलेगा
जीवन का हर स्वरूप, हर प्रारूप बदल जाएगा
मगर स्थाई रहेंगी तो...
प्रेम के चौखट पर पनपे हृदय के भाव...
जो सदा अतुलनीय रहेंगे...
सदा पूजनीय रहेंगे...