khawahishen kisi ko btayi nahi jaati ye toh khud poori krne k cheez haiView attachment 204233
एक आँखिरी ख्वाहिश........
बहुत थक गई हूँ, लोगों से लड़ते-लड़ते कुछ देर आपके कंधे पर सर रख कर सो जाऊ क्या नहीं चाहिए मुझे आपसे बेहतर कोई और एक सिर्फ आपकी होकर रह जाऊ क्या? नहीं जानती, आप में ऐसा क्या देखा था आपके साथ सुकून और
आप में मैंने अपना खुदा देखा था