उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हूं।
सारे नजारे को छोड़ उसने अपनी आंखों में मुझे बसाया है, खुशनसीब हूं मैं जो मैंने उस जैसा सच्चा यार पाया है,
कद्र करता हूं मैं उसके मोहब्बत की, जो इतना कुछ सहने के बाद भी उन बातों को उसने दिल में ही छुपाया है,
उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हूं, ऐसा उसने कल मुझे बताया है।
मुलाकात जब भी उससे हुई, तब-तब उसने अपना हंसता चेहरा दिखाया है, उसकी उन बातों को सुन यह दिल कुछ कह नहीं पाया है, नाजाने क्यों वह दिलजीत बैठी मेरा, अरे ! ए खुदा तूने इस जहां में उसे बड़ा खूबसूरत बनाया है,
उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हूं, ऐसा उसने कल मुझे बताया है।
खफा तो मैं नहीं था उससे पर शायद मेरी खामोशियों ने उसे सताया है, मैं कितना खुश नसीब हूं, जो तुझ जैसा अनमोल चीज पाया है, अफवाहों में बहक गया था मैं, तभी तो आज इन नजरों को तुझ से नहीं मिलाया है,
उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हू, ऐसा उसने कल मुझे बताया है।
सारे नजारे को छोड़ उसने अपनी आंखों में मुझे बसाया है, खुशनसीब हूं मैं जो मैंने उस जैसा सच्चा यार पाया है,
कद्र करता हूं मैं उसके मोहब्बत की, जो इतना कुछ सहने के बाद भी उन बातों को उसने दिल में ही छुपाया है,
उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हूं, ऐसा उसने कल मुझे बताया है।
मुलाकात जब भी उससे हुई, तब-तब उसने अपना हंसता चेहरा दिखाया है, उसकी उन बातों को सुन यह दिल कुछ कह नहीं पाया है, नाजाने क्यों वह दिलजीत बैठी मेरा, अरे ! ए खुदा तूने इस जहां में उसे बड़ा खूबसूरत बनाया है,
उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हूं, ऐसा उसने कल मुझे बताया है।
खफा तो मैं नहीं था उससे पर शायद मेरी खामोशियों ने उसे सताया है, मैं कितना खुश नसीब हूं, जो तुझ जैसा अनमोल चीज पाया है, अफवाहों में बहक गया था मैं, तभी तो आज इन नजरों को तुझ से नहीं मिलाया है,
उसकी आंखों में सिर्फ मैं ही हू, ऐसा उसने कल मुझे बताया है।