YAMRAJ
Favoured Frenzy
मैं उन सीढ़ियों से भी प्रेम करता हूँ
जिन पर चलकर उससे मिलने जाया करता था
और उस खिड़की से भी
जिसके बाहर देखती थीं उसकी उदास आँखें
मुझे अब भी उस अँधेरे से प्रेम है
जिसके उजालों में चलकर पहुँचा था उसके पास
मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया
जो उसके हाथों से छुई गई थीं
कभी न कभी -
जैसे दीवार
काजल लगा आईना
कपड़े सुखाने की रस्सियाँ
कमरे की चाबियाँ
और कमरे की सारी खूँटियाँ
जहाँ हमने अपनी प्रार्थनाएँ
इस तरह
दुनिया की हर एक चीज़ से प्रेम किया -
उसके प्रेम में।
थीं कभी
मैंने अलमारी में लटके उन सारे हैंगर्स से भी प्रेम किया
जिनमें सफ़ेद झाग वाले सर्फ़ की तरह महकते थे उसके हाथ
मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया
जिन्हें उसके तलवों ने छुआ था
जैसे पृथ्वी
जैसे यह सारा संसार
इस तरह मैंने
दुनिया की हर एक चीज़ से प्रेम किया -
उसके प्रेम में।
जिन पर चलकर उससे मिलने जाया करता था
और उस खिड़की से भी
जिसके बाहर देखती थीं उसकी उदास आँखें
मुझे अब भी उस अँधेरे से प्रेम है
जिसके उजालों में चलकर पहुँचा था उसके पास
मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया
जो उसके हाथों से छुई गई थीं
कभी न कभी -
जैसे दीवार
काजल लगा आईना
कपड़े सुखाने की रस्सियाँ
कमरे की चाबियाँ
और कमरे की सारी खूँटियाँ
जहाँ हमने अपनी प्रार्थनाएँ
इस तरह
दुनिया की हर एक चीज़ से प्रेम किया -
उसके प्रेम में।
थीं कभी
मैंने अलमारी में लटके उन सारे हैंगर्स से भी प्रेम किया
जिनमें सफ़ेद झाग वाले सर्फ़ की तरह महकते थे उसके हाथ
मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया
जिन्हें उसके तलवों ने छुआ था
जैसे पृथ्वी
जैसे यह सारा संसार
इस तरह मैंने
दुनिया की हर एक चीज़ से प्रेम किया -
उसके प्रेम में।