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आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।

Dante

Epic Legend
अलमारी में आज इक सूखा गुलाब मिल गया,
सारा कमरा इश्क़ की खुशबू से भर गया।

हो गयीं उन दिनों की प्यारभरी यादें ताजा,
आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।


थी उसकी कुछ मज़बूरी जो मुझे मिल न सका,
जाने वाला जाते -जाते मगर तन्हा कर गया।

जला लिया उसकी याद में सोज़ का इक चिराग,
बेखुदी में मगर, मेरा हाथ जल गया।

क्या कभी दुबारा वो मुझे मिल पायेगा,

सोच कर इस ख्याल से दिल बहुत डर गया।
 
Last edited:
अलमारी में आज इक सूखा गुलाब मिल गया,
सारा कमरा इश्क़ की खुशबू से भर गया।

हो गयीं उन दिनों की प्यारभरी यादें ताजा,
आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।


थी उसकी कुछ मज़बूरी जो मुझे मिल न सका,
जाने वाला जाते -जाते मगर तन्हा कर गया।

जला लिया उसकी याद में सोज़ का इक चिराग,
बेखुदी में मगर, मेरा हाथ जल गया।

क्या कभी दुबारा वो मुझे मिल पायेगा,

सोच कर इस ख्याल से दिल बहुत डर गया।
Bas kar pagle us gulab ko wapas almari mai rakh de :timid:
 
अलमारी में आज इक सूखा गुलाब मिल गया,
सारा कमरा इश्क़ की खुशबू से भर गया।

हो गयीं उन दिनों की प्यारभरी यादें ताजा,
आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।


थी उसकी कुछ मज़बूरी जो मुझे मिल न सका,
जाने वाला जाते -जाते मगर तन्हा कर गया।

जला लिया उसकी याद में सोज़ का इक चिराग,
बेखुदी में मगर, मेरा हाथ जल गया।

क्या कभी दुबारा वो मुझे मिल पायेगा,

सोच कर इस ख्याल से दिल बहुत डर गया।
Noice good
 
अलमारी में आज इक सूखा गुलाब मिल गया,
सारा कमरा इश्क़ की खुशबू से भर गया।

हो गयीं उन दिनों की प्यारभरी यादें ताजा,
आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।


थी उसकी कुछ मज़बूरी जो मुझे मिल न सका,
जाने वाला जाते -जाते मगर तन्हा कर गया।

जला लिया उसकी याद में सोज़ का इक चिराग,
बेखुदी में मगर, मेरा हाथ जल गया।

क्या कभी दुबारा वो मुझे मिल पायेगा,

सोच कर इस ख्याल से दिल बहुत डर गया।
Nice :Like:
 
चेहरे के साथ मुरझा गया ये गुलाब भी,
जो उस ने देख कर के भी देखा नहीं मुझे!
 
अलमारी में आज इक सूखा गुलाब मिल गया,
सारा कमरा इश्क़ की खुशबू से भर गया।

हो गयीं उन दिनों की प्यारभरी यादें ताजा,
आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।


थी उसकी कुछ मज़बूरी जो मुझे मिल न सका,
जाने वाला जाते -जाते मगर तन्हा कर गया।

जला लिया उसकी याद में सोज़ का इक चिराग,
बेखुदी में मगर, मेरा हाथ जल गया।

क्या कभी दुबारा वो मुझे मिल पायेगा,

सोच कर इस ख्याल से दिल बहुत डर गया।
Kya baat
 
अलमारी में आज इक सूखा गुलाब मिल गया,
सारा कमरा इश्क़ की खुशबू से भर गया।

हो गयीं उन दिनों की प्यारभरी यादें ताजा,
आँख से ख़ुशी का इक ऑंसू धूल गया।


थी उसकी कुछ मज़बूरी जो मुझे मिल न सका,
जाने वाला जाते -जाते मगर तन्हा कर गया।

जला लिया उसकी याद में सोज़ का इक चिराग,
बेखुदी में मगर, मेरा हाथ जल गया।

क्या कभी दुबारा वो मुझे मिल पायेगा,

सोच कर इस ख्याल से दिल बहुत डर गया।
Itna hindi nhi smjh aati...
 
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