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अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी

Somaiya Karn

Quodophile of ZoZo
Staff member
Moderator
Senior's
Posting Freak
Dear-Diary-Day-1-1200x834.jpgतुझे लिखने की कोशिश हर रोज करती हूँ कभी आधा तो कभी पूरा लिखती हूँ सालों बाद जब कलम ने तुम्हारा नाम लिखा डायरी ने भी पन्नों से एक सवाल किया-- भूल गई हो या भूला रही थी

अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी हम तो हर खामोशी में साथ थे इसके ये हमसे ही क्यों हिचकिचा रही थी!!
 
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अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी हम तो हर खामोशी में साथ थे इसके ये हमसे ही क्यों हिचकिचा रही थी!!
Nice
 
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अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी हम तो हर खामोशी में साथ थे इसके ये हमसे ही क्यों हिचकिचा रही थी!!
Ye bhi khub rahi
 
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अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी हम तो हर खामोशी में साथ थे इसके ये हमसे ही क्यों हिचकिचा रही थी!!
Nice
 
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अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी हम तो हर खामोशी में साथ थे इसके ये हमसे ही क्यों हिचकिचा रही थी!!
आ जिंदगी तू आज मेरा हिसाब कर..
या हर जबाब दे मुझे या लाजवाब कर।
या छीन ले नजर कि कोई ख्वाब ना पालूं..
या एक काम कर कि मेरा सच ये ख्वाब कर।।
 
आ जिंदगी तू आज मेरा हिसाब कर..
या हर जबाब दे मुझे या लाजवाब कर।
या छीन ले नजर कि कोई ख्वाब ना पालूं..
या एक काम कर कि मेरा सच ये ख्वाब कर।।
Nice line jii
 
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अपनी खामोशियों को हमसे क्यों छुपा रही थी हम तो हर खामोशी में साथ थे इसके ये हमसे ही क्यों हिचकिचा रही थी!!
Awesome nice
 
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