तो चलो फिर खामोशीयो को बोलने देते हैंबातें समझूं न समझूं, खामोशी
तो अब समझ लेता हूं
कुछ कहूं तो उसको बुरी लगती है
इसलिए अब चुप रह लेता हूं।
बहुत ख़लती है मुझको खामोशी मेरी
पर क्या करूं रह लेता हूं।
आप भी चुप हम भी चुप रह लेते हैँ
तो चलो फिर खामोशीयो को बोलने देते हैंबातें समझूं न समझूं, खामोशी
तो अब समझ लेता हूं
कुछ कहूं तो उसको बुरी लगती है
इसलिए अब चुप रह लेता हूं।
बहुत ख़लती है मुझको खामोशी मेरी
पर क्या करूं रह लेता हूं।
सुना है चुप्पी सब कुछ तोड़ देती हैतो चलो फिर खामोशीयो को बोलने देते हैं
आप भी चुप हम भी चुप रह लेते हैँ
Kosis to bhut ki btaane ki....अगर कोई पूछ ले तुमसे...
की...
क्या किया तुमने आज...
तो कतराना मत कहने से...
मुश्किल था पर साँस ली...
इस दिल को...
एक और झूठी आस दी...
सब ठीक होगा...
या नहीं...
पता नहीं...
पर...
मैने कोशिश बहुत खास की...
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.अगर कोई पूछ ले तुमसे...
की...
क्या किया तुमने आज...
तो कतराना मत कहने से...
मुश्किल था पर साँस ली...
इस दिल को...
एक और झूठी आस दी...
सब ठीक होगा...
या नहीं...
पता नहीं...
पर...
मैने कोशिश बहुत खास की...
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Bahut khub~Villen.
**अगर कोई पूछ ले मुझसे...**
कि...
क्या किया मैंने आज...
तो कहूंगा...
खुद को टूटने से रोका,
हर दर्द को खामोशी से टोका।
जो सपने बिखरे पड़े थे कभी,
उन्हें फिर से जोड़ने की जिद की।
साँस ली, पर सिर्फ जीने के लिए नहीं,
बल्कि हर जख्म को सीने के लिए।
आस दी अपने ही दिल को,
कि अंधेरों में भी रौशनी छुपी होती है।
सब ठीक होगा या नहीं,
ये यकीन से तो नहीं कह सकता।
पर हर गिरते लम्हे में भी,
खुद को संभालने की हिम्मत रखता।
आज का दिन मुश्किल सही,
पर मैंने खुद पर ऐतबार किया।
और यही मेरी सबसे बड़ी जीत है।
By ~Vilen