कि तुम और मैं
कुछ भी नहीं
शिवाए इसके
कि तुम बारिश तुम सावन
मैं अपवित्र तुम पावन
तुम गुलाब, तुम फूल
मैं माटी, मैं धूल
मैं आवारा, मैं पागल
तुम आंखों का काजल
तुम पाना, तुम खोना
मैं छोटा सा बच्चा, तुम छोटा खिलौना
मैं तेरा कंधा, तू कंधे का तिल
मैं सुखा सा जिस्म, तू जिंदा सा दिल
मुझ को तू...