बहुत पुरानी ज़माने की बात है..... एक आदिवासी जंगल में ही रहता था
उसने और उसके परिवार ने कभी आईना नहीं देखा था ....
एक दिन जंगल में उसे शीशा मिल गया... । उसमें खुद को देखकर समझा कि उसके बाप की तस्वीर है....
और वो उसे अपने घर ले गया और रोज बातें करने लगा....
उसकी बीवी को श्क़ हुआ.... एक दिन जब उसका पति घर से बाहर गया हुआ था तब उसने वो शीशा निकाला.....
खुद अपनी शक्ल देखकर बोली : "अच्छा... तो ये है वो कलमुँही
जिस से मेरा पति रोज़ बातें करता है' उसने शीशा अपनी सास को दिखाया,
तो सास बोली : "चिंता मत कर... शुक्र मना... बुड्ढी है, जल्दी ही मर जाएगी"
उसने और उसके परिवार ने कभी आईना नहीं देखा था ....
एक दिन जंगल में उसे शीशा मिल गया... । उसमें खुद को देखकर समझा कि उसके बाप की तस्वीर है....
और वो उसे अपने घर ले गया और रोज बातें करने लगा....
उसकी बीवी को श्क़ हुआ.... एक दिन जब उसका पति घर से बाहर गया हुआ था तब उसने वो शीशा निकाला.....
खुद अपनी शक्ल देखकर बोली : "अच्छा... तो ये है वो कलमुँही
जिस से मेरा पति रोज़ बातें करता है' उसने शीशा अपनी सास को दिखाया,
तो सास बोली : "चिंता मत कर... शुक्र मना... बुड्ढी है, जल्दी ही मर जाएगी"